अपने शाही अंदाज के चलते पकड़ा गया चोर, आगरा की सदर तहसील से चुराए थे लाखों रुपये, घूम आया गुजरात भी

उप निबंधक चतुर्थ कार्यालय में 11 अप्रैल अप्रैल को कैंटीन के कर्मचारी ने की थी चोरी। परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज से आया गिरफ्त में 51 हजार 600 रुपये बरामद। पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग शहरों में घूमता रहा आरोपित।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:27 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:27 AM (IST)
अपने शाही अंदाज के चलते पकड़ा गया चोर, आगरा की सदर तहसील से चुराए थे लाखों रुपये, घूम आया गुजरात भी
सदर तहसील में चोरी के मामले का पुलिस ने परदाफाश कर दिया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में चोर के शाही अंदाज ने दो महीने पहले सदर तहसील के उप निबंधक कार्यालय में हुई चार लाख 67 हजार रुपये की चोरी का राज खोल दिया।चोरी परिसर में स्थित कैंटीन में काम करने वाले कर्मचारी ने की थी। कुछ हजार रुपये की नौकरी करने वाले ने अचानक दोस्तों के बीच हजारों रुपये खर्च करना शुरू कर दिया था। उसके पास नोटों की गड्डी देख साथियों को शक हो गया था। सीसीटीवी में आरोपित की फुटेज और बेतहाशा रकम खर्च करने के अंदाज से पुलिस का शक उस पर गया था। इसके बाद आरोपित आगरा से भाग गया। उसने चार लाख रुपये से ज्यादा की रकम अपने सैर-सपाटे में खर्च कर दी। पुलिस ने आरोपित कर्मचारी को रविवार जीआइसी मैदान के पास गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि 12 अप्रैल की सुबह उप निबंधक चतुर्थ के कार्यालय के मुख्य दरवाजे के ताले टूटे मिले। उनकी अलमारी जिसमें कैश और जरूरी कागजात रखे थे। वह खुली मिली थी। उसमें रखे चार लाख 65 हजार रुपये गायब थे। पुलिस को परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर तहसील की कैंटीन में काम करने वाले यश ठाकुर उर्फ बिट्टू की फुटेज मिली थी। वह सदर के रोहता इलाके का रहने वाला है। पुलिस ने उसके बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह घटना के बाद से गायब है।

एसपी सिटी के अनुसार आरोपित यश ठाकुर को रविवार को गिरफ्तार करने के बाद उससे पूछताछ की। उससे चोरी गई रकम के 51 हजार 67 हजार रुपये बरामद किए हैं। इसके साथ ही मोहनपुरा के गंदे नाले से कैश बाक्स व टूटा हुआ ताला भी बरामद किया है। पुलिस के पूछताछ करने पर आरोपित ने बताया कि वह तहसील परिसर में बनी कैंटीन में काम करता है। इसके चलते उसका सभी कार्यालयों में चाय लेकर आना-जाना था। इन कार्यालयों की किस अलमारी में कितनी रकम रहती है, इस सबकी उसे जानकारी रहती थी। इसलिए आसानी से वह जिस अलमारी में रकम रखी थी, वहां तक पहुंच गया।

पुलिस के रडार पर थे 32 लोग

पुलिस के रडार पर 32 लोग थे। यह सभी तहसील से किसी न किसी प्रकार जुड़े हुए हैं। मगर, इनमें से किसी के खिलाफ उसे कोई सुराग या साक्ष्य नहीं मिले थे। इसके बाद पुलिस के शक की सुई तहसील के पूर्व कर्मचारियों की ओर गई, लेकिन यहां से भी उसे नाकामी हाथ आई।

तीसरे दिन ही आ गया था शक के दायरे में

बताया जाता है कि कैंटीन में काम करने वाला यश ठाकुर तीसरे दिन ही शक के दायरे में आ गया था। पुलिस ने उसके बारे में लोगों से जानकारी की। इसकी भनक लगने पर आगरा से भाग गया था। आरोपित ने बताया कि वह इस दाैरान गुजरात आदि स्थानों पर गया। चोरी की रकम मौजमस्ती में खर्च कर दी।

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