आगरा में दबंगों ने किया घर में हमला, पीड़ित से दारोगा बोले समझौता कर लो
आगरा में थाना छत्ता का मामला। मकान के बाहर खड़े होकर हंगामा कर रहे थे दबंग। टोकने पर व्यापारी के घर बोला हमला। थाना छत्ता पुलिस अक्सर रहती है विवादों में। दो दिन पहले ही इस क्षेत्र की निवासी युवती की शिकायत को मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया था संज्ञान।
आगरा, जागरण संवाददाता। घर के बाहर खड़े होकर हंगामे का विराेध करने पर दबंगों ने व्यापारी के घर में हमला कर दिया। घर में पथराव और तोड़फोड़ कर दी। मुकदमा दर्ज होने के बाद कार्रवाई करने के बजाय दारोगा भी पीड़ित पक्ष से समझौते को कह रहे हैं। पीड़ित ने गुरुवार को एसएसपी आफिस में मामले की शिकायत कर दी। अधिकारियों ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
छत्ता क्षेत्र में रहने वाले व्यापारी गिर्राज अपने परिवार के लोगों के साथ गुरुवार को एसएसपी आफिस पहुंचे। एसएसपी आफिस में मौजूद एसपी प्रोटोकाल शिवराम यादव को उन्होंने समस्या बताई। उन्होंने बताया कि 22 अगस्त को मोहल्ले में रहने वाले आमिर, राजा और समीर उनके घर के सामने हंगामा कर रहे थे। विरोध करने पर सभी ने उनके घर पर पथराव कर दिया और तोड़फोड़ भी की। गिर्राज पक्ष ने घटना के बाद थाना छत्ता में तहरीर दी । पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। मगर, आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि एक आरोपित का अपराधिक इतिहास भी है। मुकदमे में नामजद एक युवक ने व्यापारी को गोली मारकर लूट के मामले में जेल जा चुका है। वह जमानत पर छूटने के बाद क्षेत्र में दबंगई करता है। लोगों को धमकी देता है। पीड़ित परिवार को भी वह घटना के बाद धमकी दे रहा है। उसने पीड़ित पक्ष से कहा कि मुकदमा वापस लेकर समझौता नहीं किया तो उन्हें अंजाम भुगतना पड़ेगा। पीड़ित पक्ष ने जब इसकी शिकायत छत्ता थाने में जाकर एक दारोगा से की तो उन्होंने कह दिया कि समझौता कर लो। दारोगा की बात सुनने के बाद वे एसएसपी ऑफिस पहुंचे। आफिस में मौजूद एसपी प्रोटोकाल शिवराम यादव ने सीओ छत्ता दीक्षा सिंह को फोन कर मामले को खुद देखने को कहा और पीड़ित को कार्रवाई का आश्वासन दिया।
दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने किया था हस्तक्षेप
थाना छत्ता क्षेत्र में ही दबंगों ने एक परिवार के घर के रास्ते पर कब्जा कर लिया था। इलाका पुलिस भी दबंगों का साथ दे रही थी। इस पर मित्तल परिवार की युवती ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया था, जिसे संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने कार्रवाई के आदेश दिए थे।