600 शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में दिया धरना
छात्र और शिक्षक समस्या के विरोध में रहे सामूहिक अवकाश पर कुलसचिव को सौंपा ज्ञापन निश्चित समय में समस्या निराकरण की उठाई मांग
आगरा, जागरण संवाददाता । डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में छात्रों एवं शिक्षकों की समस्या को लेकर फुपुक्टा के आह्वान पर औटा के सदस्यों ने सामूहिक अवकाश रखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया। मांगों को लेकर कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा। धरना में लगभग 600 शिक्षकों ने सहभागिता की।
औटा व फुपुक्टा ने रखी है यह मांगे
2021 की परीक्षाओं की प्रक्रिया को छोटा किया गया था, लेकिन अभी तक परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं।
अंकपत्रों में भी गलतियां हैं, जिन्हें निश्चित समय सीमा में त्रुटिविहीन अंकपत्र निश्शुल्क जारी किए जाएं।
विश्वविद्यालय के प्रशासनिक संरचना का अभिन्न अंग परीक्षा एवं प्रमाण विभाग के कार्यों को किसी अनुत्तरदायी निजी एजेंसी को आउटसोर्स करने की बजाय सक्षम आंतरिक प्रणाली विकसित की जाए।
परीक्षा कार्य की गोपनीयता और प्रशासनिक उत्तरदायित्व की दृष्टि से संबंधित कार्य निजी कंपनियों से कराना अनुचित है।
शिक्षकों की प्रोन्नति लंबे समय से लंबित है। इस समस्या का निराकरण हो। उड़नदस्तों की शिकायतों की जांच के लिए बनाए गई समिति को भंग करते हुए नई जांच समिति का गठन किया जाए। इस साल हुई मुख्य परीक्षा में हुर्इं अनियमितताओं की जांच हो। मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन में अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों को विषय के अनुरूप वरिष्ठता क्रम में समन्वयक व सह समन्वयक बनाया जाए। यूजीसी रेगुलेशन 2018 के अनुसार प्रोफेसर पदनाम व प्रोफेसर ग्रेड दिया जाए। 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। सेवानिवृत्ति की आयु यूजीसी के अनुसार 65 वर्ष की जाए। यह रहे उपस्थित
औटा अध्यक्ष डा. ओमवीर सिंह, महामंत्री डा. भूपेंद्र कुमार चिकारा, फुपुक्टा अध्यक्ष डा. वीरेंद्र सिंह चौहान, महामंत्री वाइएन त्रिपाठी ,डा. अरुणोदय बाजपेई, डा. शशिकान्त पान्डेय, डा. गौरव कौशिक, डा. सिद्धार्थ, डा.विक्रम सिंह, डा. मुकेश भारद्वाज, डा. संजय यादव, डा.अलका सिंह, डा. अतीत श्रीवास्तव, डा. पुष्पेंद्र सिंह आदि।