फर्जी बिल तैयार करने वाले गए जेल, अब संचालकों की तलाश

-विजिलेंस टीम ने शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किए आरोपित -कार्रवाई के बाद गायब हुए ऑन लाइन टैक्स जमा करने वाले

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 06:33 AM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 06:33 AM (IST)
फर्जी बिल तैयार करने वाले गए जेल, अब संचालकों की तलाश
फर्जी बिल तैयार करने वाले गए जेल, अब संचालकों की तलाश

आगरा, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सैंया बॉर्डर पर संचालित फर्जी आरटीओ काउंटर मामले में विजिलेंस ने गिरफ्तार 11 आरोपितों को शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया। यहां से सभी को जेल भेज दिया गया। फरार नौ आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही हैं। इनमें कुछ वसूली केंद्र संचालक भी हैं।

राजस्थान से बिना रॉयल्टी जमा किए ट्रकों से लाई जा रही बालू, मोरंग और गिट्टी के फर्जी बिल सैंया बॉर्डर पर बने फर्जी आरटीओ काउंटर पर तैयार किए जा रहे थे। गुरुवार को विजिलेंस और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर यहां से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।

एसपी विजिलेंस रवि शंकर निम ने बताया कि आरोपितों को संरक्षण देने वाले लोक सेवकों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। प्रथम²ष्टया परिवहन विभाग, खनिज विभाग की संलिप्तता प्रतीत हो रही है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि किस विभाग के किस अधिकारी की इसमें भूमिका थी। ये गए जेल

सैंया के देवी सिंह का पुरा निवासी होरीलाल, राघवेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, संदीप, जाजऊ निवासी सहदेव सिंह, कुलदीप, मंसुखपुरा निवासी भूपेंद्र, बख्श पुरा निवासी गुड्डू, सैंया निवासी गजेंद्र सिंह, प्रदीप, टोड़ूपुरा निवासी सुरेंद्र। अवैध धंधे से पुलिस की लाखों की कमाई

सैंया थाने से महज तीन सौ मीटर की दूरी पर यह अवैध काम चल रहा था। प्रतिदिन 300 से 500 गाड़ियां खनन का सामान लेकर आती हैं। सूत्रों का कहना है कि दो हजार रुपये प्रत्येक वाहन से महीनेदारी के अलावा गिट्टी की प्रत्येक गाड़ी से पांच सौ रुपये प्रति चक्कर वसूले जाते थे। यह रकम कुछ खास लोगों के माध्यम से थाने तक पहुंचती थी। इस तरह अवैध खनन से सैंया थाने को महीने में लाखों रुपये पहुंचते थे।

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