अवैध दवाओं का सिडिकेट नहीं तोड़ पाई पुलिस
तीन गैंग पकड़े गए अवैध कारोबार में लिप्त दर्जनभर से अधिक आरोपित भेजे जेल एजेंटों और सप्लायरों तक ही सीमित रही कार्रवाई जड़ में नहीं पहुंची पुलिस की जांच
आगरा,जागरण संवाददाता। नशीली, नकली और सैंपल की दवाओं के अवैध कारोबार का हब बनी ताजनगरी में माफिया सिडिकेट बनाकर काम कर रहे हैं। छह माह में तीन गैंग पकड़े गए और दर्जनभर से अधिक आरोपित जेल भेजे गए। लाखों की दवाएं बरामद हो चुकी हैं। गैंग के पर्दाफाश के समय बड़ी-बड़ी बातें करने वाली पुलिस की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है। यही वजह है कि अवैध दवा का सिडिकेट आज भी चल रहा है। कुछ को दवा माफिया घोषित कर पुलिस भूल गई तो कुछ को माफिया घोषित नहीं किया गया। अब अवैध दवा के कारोबार के संबंध में दर्ज सभी मामलों में पुलिस की जांच ठंडी पड़ गई है। आगरा गैंग के सदस्य नहीं हुए गिरफ्तार पंजाब पुलिस ने 26 जुलाई 2020 को आगरा गैंग के सरगना कमला नगर निवासी जितेंद्र उर्फ विक्की अरोड़ा और उसके भाई कपिल अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले खटीकपाड़ा निवासी हरीश भाटिया को बरनाला से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यह गैंग 11 राज्यों में नशीली दवाओं की तस्करी करता था। लाखों रुपये की नशीली दवाएं अरोड़ा बंधु के गोदामों से पुलिस ने बरामद कर लीं। नेटवर्क से जुड़े शहर के कई अन्य लोगों के नाम सामने आए। इनमें से दो कमला नगर और कुछ फव्वारा दवा बाजार के बड़े नाम थे। इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विक्की और कपिल अरोड़ा को दवा माफिया घोषित कर दिया गया। मगर, इनकी संपत्ति जब्त करने का दावा करने के बाद पुलिस ने इस दिशा में अभी तक कोई काम नहीं किया।
जयपुरिया गैंग के बड़े सप्लायर की गिरफ्तारी को दबिश तक नहीं नशीली दवाओं का अवैध कारोबार करने वाले जयपुरिया गैंग पर औषधि विभाग और आगरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की। 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चली कार्रवाई में बल्केश्वर के तेज नगर निवासी सरगना पंकज गुप्ता के सूर्यकांत गुप्ता, बेटे अमन गुप्ता, गोदाम में पार्टनर किशन अग्रवाल समेत सात को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सात करोड़ की नशीली दवाएं जब्त की गईं। इस मामले में कमलानगर थाने में दो मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 17 आरोपित थे। सात आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने सरगना पंकज गुप्ता को और गिरफ्तार कर लिया। मुकदमे में नामजद उसकी पत्नी और बेटियों को अभी तक पुलिस नहीं पकड़ सकी। इस गैंग को दवाएं कानपुर का सरदार हरप्रीत भेजता था। इसकी गिरफ्तारी को आज तक पुलिस कानपुर नहीं गई। गैंग के पर्दाफाश के समय गैंगस्टर की कार्रवाई और संपत्ति जब्तीकरण का दावा किया गया, लेकिन अभी तक इसके लिए कुछ नहीं हुआ। माफिया भी घोषित नहीं हो सके।
एक्सपायर दवाओं के अवैध धंधे से जुड़े माफिया नहीं पकड़े गए
औषधि विभाग और पुलिस ने नौ फरवरी को सिकंदरा के आवास विकास कालोनी सेक्टर आठ निवासी सुधीर राजौरा और उसके भाई प्रदीप राजौरा व मथुरा के सौरभ को गिरफ्तार किया था। ये एक्सपायर दवाओं की रीस्टांपिग करके उन्हें महंगे दामों में बेचते थे। इस मामले में सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। राजौरा बंधुओं समेत तीन को जेल भेजने के बाद पुलिस की जांच ठंडी पड़ गई। जबकि इस धंधे में और भी तमाम लोग शामिल हैं। सिकंदरा क्षेत्र में ही कफ सीरप का बड़ा खेल दूसरे जनपद की एसटीएफ यूनिट ने पकड़ा था। इसमें जिस दवा के अवैध कारोबारी का नाम सामने आया था, उसके संपर्क एक डान से भी हैं। इस पर भी पुलिस ने शिकंजा नहीं कसा। दवा का अवैध कारोबार करने वाले कई गैंग पिछले दिनों पकड़े गए हैं। औषधि विभाग की मदद से इन सभी गैंग के बारे में और जानकारी की जा रही है।अवैध कारोबार करने वाला कोई व्यक्ति बच नहीं पाएगा। बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी सिटी