Greater Agra: ग्रेटर आगरा बसने से पहले ही अवैध निर्माण शुरू, एडीए ने तैनात किया सुपरवाइजर
रहनकलां गांव में दो और रायपुर में एक मकान का निर्माण। अगले सप्ताह ले-आउट के सर्वे के लिए आएगी एसपीए की टीम। एडीए रहनकलां रायपुर बुढ़ाना और एत्मादपुर मदरा गांव की 612 हेक्टेअर जमीन में ग्रेटर आगरा बसा रहा है। 95 फीसद जमीन का अधिग्रहण हो चुका है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ग्रेटर आगरा का अभी तक ले-आउट तैयार नहीं हुआ है, लेकिन सरकारी जमीन पर किसानों ने निर्माण शुरू कर दिया है। चार दिनों के भीतर रहनकलां गांव में दो और रायपुर में एक मकान बनना शुरू हो गए। जिस पर आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने अवैध निर्माण को रोकने के लिए अवर अभियंता संतोष यादव की निगरानी में एक सुपरवाइजर की तैनाती की है। वहीं, स्कूल्स आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली की टीम अगले सप्ताह आगरा आएगी और सर्वे का कार्य पूरा करेगी।
एडीए रहनकलां, रायपुर, बुढ़ाना और एत्मादपुर मदरा गांव की 612 हेक्टेअर जमीन में ग्रेटर आगरा बसा रहा है। 95 फीसद जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। किसानों को मुआवजा भी दे दिया गया है। इसके बाद भी किसान जमीनों पर कब्जा किए हैं। फसलों को बोया जा रहा है। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि ग्रेटर आगरा की जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।
ग्रेटर आगरा बसने से होगा क्षेत्र का विकास
इनर रिंग रोड के पास ग्रेटर आगरा बसने से आसपास के क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा। इससे ना सिर्फ रोजगार के अवसर विकसित होंगे बल्कि लोगों को होने वाली परेशानियों से भी राहत मिलेगी क्योंकि ग्रेटर आगरा से इनर रिंग रोड को सीधे जोड़ा जाएगा। यही नहीं सर्विस रोड को और भी अधिक चौड़ा किया जाएगा। एडीए उपाध्यक्ष डॉ राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि निजी बैंक से 300 करोड़ रुपए का लोन जल्द लिया जा रहा है।
इसलिए पड़ी जरूरत
आगरा विकास प्राधिकरण को ग्रेटर आगरा बसाने के लिए कुल 3200 करोड़ रुपए चाहिए। शहर का तेजी से विकास हो रहा है, ऐसे में इनर रिंग रोड के आस-पास विकास की अधिक संभावनाएं हैं जिसे देखते हुए प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर आगरा का प्रस्ताव तैयार किया गया।