एक पीपीई किट और बीस मरीजों से लिया जा रहा चार्ज

कोविड और नान कोविड अस्पतालों में हो रही है वसूली हर मरीज से एक हजार से 1500 रुपये का लिया जा रहा है चार्ज स्पताल प्रशासन 400 से 700 रुपये में एक किट की करता है खरीद

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:05 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:05 AM (IST)
एक पीपीई किट और बीस मरीजों से लिया जा रहा चार्ज
एक पीपीई किट और बीस मरीजों से लिया जा रहा चार्ज

आगरा, जागरण संवाददाता। जी हां, कोविड महामारी में कोविड और नान कोविड अस्पतालों ने खूब मनमानी की। एक पीपीई किट डाक्टर / पैरामेडिकल स्टाफ ने पहनी लेकिन बीस मरीजों से पीपीई किट का चार्ज लिया गया। वह भी एक हजार रुपये से लेकर 1500 रुपये तक। जिन मरीजों के तीमारदारों को समय रहते पता चला गया और उन्होंने चार्ज का विरोध किया तो उसे बिल से हटा दिया गया, नहीं तो हर मरीज से चार्ज वसूला गया। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने एक किट 400 से 700 रुपये में खरीदी गई जबकि इससे कहीं अधिक रेट पर मरीजों से इसकी वसूली की जा रही है। - ट्रांस यमुना के एक निजी अस्पताल में वीरेंद्र सिंह का आठ दिनों तक इलाज चला। टूंडला निवासी वीरेंद्र संदिग्ध कोविड मरीज थे। अस्पताल प्रशासन ने साढ़े तीन लाख रुपये का बिल थमा दिया। बिल में जब वीरेंद्र की नजर पड़ी तो पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट के नाम पर एक हजार रुपये जोड़े गए थे। यह प्रतिदिन के हिसाब से थे जबकि कई बार डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ बिना पीपीई किट के आए। - हरीपर्वत क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में जयपुर हाउस निवासी बीएस गुप्ता का छह दिन इलाज चला। बिल छह लाख रुपये का बना। पहले तो अस्पताल प्रशासन ने पूरा बिल देने से मना कर दिया लेकिन जब बीएस गुप्ता के तीमारदारों ने नाराजगी जताई और पूरा बिल देने के लिए कहा तो शिकायत के बाद बिल उपलब्ध कराया गया। बिल में पीपीई किट को भी जोड़ दिया गया था। इसी तरह से फार्मेसी से बकायदा हर दिन मास्क भेजने की भी एंट्री थी जबकि ऐसा कुछ भी नहीं मिला था। बीएस गुप्ता ने बताया कि एक मास्क तीन दिनों तक पहनने रहे थे। वह भी घर से पहनकर आए थे।

अस्पतालों में आक्सीजन आडिट की जांच धीमी

आगरा, जागरण संवाददाता। शासन के आदेश के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में आक्सीजन आडिट तेजी से नहीं कर रहा है। अभी तक पांच अस्पतालों की ही जांच हुई है जबकि इससे कहीं अधिक अस्पताल ऐसे हैं। जिनके यहां पर हर दिन 50 से अधिक आक्सीजन सिलेंडरों की मांग रहती थी।

पिछले माह शहर में आक्सीजन का संकट गहरा गया था। आक्सीजन सिलेंडर खोजे नहीं मिल रहे थे। शासन के आदेश पर अस्पतालों में आक्सीजन आडिट होना था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अभी तक आडिट का कार्य तेजी से शुरू नहीं किया है। - पीपीई किट का मामला संज्ञान में आया है। अस्पतालों में चार्ज वसूलने की जांच कराई जाएगी।

प्रभु एन सिंह, डीएम

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