TOYCATHON 2021: आगरा का IET बना टॉयकेथान 2021 का नोडल सेंटर, वर्चुअल जुड़ेंगे PM नरेंद्र मोदी

देशभर में 22 से 24 जून तक डिजिटल मोड में होगी प्रतियोगिता 18 टीमें ले रहीं भाग। प्रधानमंत्री ने इसी साल जनवरी में लांच किया था टॉयकेथान। इसमें 50 लाख रुपये तक के इनाम जीतने का मौका है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:13 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:13 AM (IST)
TOYCATHON 2021: आगरा का IET बना टॉयकेथान 2021 का नोडल सेंटर, वर्चुअल जुड़ेंगे PM नरेंद्र मोदी
इस बार टॉयकेथान 2021 के लिए आगरा के आइईटी को नोडल सेंटर बनाया गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंड एंड टेक्नोलाजी(आइईटी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टॉयकेथान 2021 के दूसरे चरण के लिए नोडल सेंटर बनाया गया है। दूसरा चरण आनलाइन होगा। 22 से 24 जून तक होने वाले इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक दिन वर्चुअल जुड़कर प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।

क्या है टॉयकेथान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जनवरी में टॉयकेथान लांच किया था। इसके तहत प्रतियोगियों को नए खिलौने और गेम का कान्सेप्ट तैयार करना होगा। जो गेम भारतीय सभ्यता, इतिहास, संस्कृति, पौराणिक कथाओं आदि पर आधारित हों। इसमें 50 लाख रुपये तक के इनाम जीतने का मौका है। इसमें छात्र, अध्यापक, स्टार्ट अप और खिलौने से संबंधित विशेषज्ञ और पेशेवर भाग ले सकते हैं। इसके विजेताओं को अपने कान्सेप्ट को नेशनल टॉय फेयर में दिखाने का भी मौका मिलेगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इसके अलावा बेहतरीन टॉय कॉन्सेप्ट को कारोबार में शामिल करने के लिए उद्योग और निवेशकों से समर्थन लिया जाएगा। इसमें केंद्रीय शित्रा मंत्रालय के इनोवेशन सेल ने आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निक एजुकेशन (एआइसीटीई), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का सहयोग लिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इसके माध्यम से दिव्यांग बच्चों के लिए खिलौने तैयार करने के साथ शारीरिक और मानसिक फिटनेस को बढ़ावा देना है। इसके अलावा वैदिक गणित का प्रचार करना है। इस प्रतियोगिता का फोकस राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करना है। इसके साथ स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ जैसे मिशन को समर्थन देना भी है। इसके अलावा पारंपरिक भारतीय खिलौने को भी दोबारा नए रूप में डिजाइन करना भी है।

नार्थ जोन की 18 टीमें लेंगी भाग

देश भर में इस प्रतियोगिता के लिए 66 सेंटर बनाए गए हैं। आइईटी नार्थ जोन के पांच या छह सेंटरों में से एक हैं। इस सेंटर पर 18 टीमें भाग लेंगी। इनका मूल्यांकन एआइसीटीई द्वारा बनाई गए निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा। संस्थान के निदेशक प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस दिन जुड़ेंगे, इसकी तिथि अभी घोषित नहीं की गई है। यह प्रतियोगिता पहले फिजिकल व डिजिटल मोड दोनों में होनी थी, पर फिल्हाल फिजिकल मोड को स्थगित कर दिया गया है। संस्थान से नमन गर्ग, डा. गिरीश कुमार सिंह व डा. शैलेंद्र सिंह इसके समन्वयक हैं।

इस पर आधारित हैं प्रतिभागियों के खिलौने

संस्कृति और एतिहासिक इमारतों की जानकारी देगा, बच्चों को वर्णमाला सिखाने में मदद करेगा, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, दृष्टिबाधित बच्चों के लिए शिक्षा को आसान बनाना, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां, बुद्धिमता बढ़ाने के लिए, रद्दी कागज का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, वैदिक मैथमेटिक्स के लिए, फंडामेंटल राइट्स के लिए, हिस्टोरिकल कार्ड गेम,फिट एंड लर्न गेम आदि।

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