Webinar: कोविड-19 के दौर में एमएसएमई के लिए बड़ी राहत है पीपीआइआरपी
Webinar आइसीएआइ की आगरा शाखा ने किया वेबीनार का आयोजन। आइबीसी एक्ट 2016 के तहत सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम निर्णय और पीपीआइआरपी विषय पर हुई चर्चा। कोविड काल में सबसे अधिक प्रभावित एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ी राहत है।
आगरा, जागरण संवाददाता। प्री पैकेज्ड इंसाल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस (पीपीआइआरपी) कोविड-19 के दौर में सबसे अधिक प्रभावित एमएसएमई सेक्टर के लिए एक राहत के रूप में आया है। जून 2020 में आइबीसी के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए डिफाल्ट की न्यूनतम राशि एक लाख से एक करोड़ तक बढ़ाते ही एमएसएमई क्षेत्रों ने बड़ी राहत ली थी। यह चर्चा द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीएआइ) की आगरा शाखा की वेबीनार में हुई। इसमें आइबीसी एक्ट 2016 के तहत सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम निर्णय और पीपीआइआरपी विषय पर चर्चा की गई।
वक्ता आशीष मखीजा ने बताया कि पीपीआइआरपी चार अप्रैल 2021 के एक अध्यादेश के माध्यम से आइबीसी में नया प्रावधान है। यह कोविड काल में सबसे अधिक प्रभावित एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ी राहत है। वित्त मंत्री ने कोविड राहत पैकेज में एमएसएमई के लिए उनकी समस्या समाधान के लिए कुछ अलग ढांचे का आश्वासन दिया था। पीपीआइआरपी कार्पोरेट व्यक्तियों को अनुमति देता है, न्यूनतम दस लाख रुपये के वित्तीय तनाव का सामना करने वाले एमएसएमई पंजीकृत स्वयं पीपीआइआरपी के लिए आवेदन कर सकते हैं। पीपीआइआरपी एक ऐसा ढांचा है, जहां कंपनी मालिकों को खुद के व्यवसाय पर नियंत्रण खोने का कोई डर नहीं है। यहां कंपनी स्वयं वित्तीय लेनदारों के साथ परामर्श करती है, पीपीआइआरपी फाइल करने के लिए सदस्यों द्वारा पारित प्रस्ताव, निदेशकों द्वारा घोषणा और शपथ पत्र प्राप्ति की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा पीपीआइआरपी प्रारंभ होने की तारीख से 120 दिन है। यह एमएसएमई के हाथों में व्यापार के नियंत्रण में वित्तीय तनाव से बाहर आने के लिए बहुत प्रभावी उपकरण है और इसमें पुनर्गठन, वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस), या संभावित खरीदारों को व्यापार को आसान तरीके से और सबसे महत्वपूर्ण रूप से स्थानांतरित करना शामिल हो सकता है। एडजुडिकेटिंग अथारिटी या एनसीएलटी से अनुमोदन प्राप्त करने से विशेष रूप से पुनर्गठन एक कानूनी स्टांपिंग देता है, जो एमएसएमई को भविष्य में विभिन्न मुकदमों से राहत दिलाएगा। पीपीआइआरपी कंपनी के खाते के तहत आवेदन दाखिल करने के लिए एनपीए होना जरूरी नहीं, किसी भी डिफ़ाल्ट का मतलब है कि एक दिन की भी देरी कंपनी को पीपीआइआरपी में आवेदन करने की अनुमति देती है। दायर किया गया कोई भी आवेदन सीमा अधिनियम के अनुसार सीमा के समय के भीतर होना चाहिए ।
वेबीनार का संचालन अंकुर जैन व धन्यवाद शाखा सचिव दीपिका मित्तल ने दिया। उद्घाटन काउंसिल सदस्य केमिशा सोनी, वक्ता आशीष मखीजा, आगरा शाखा अध्यक्ष आशीष जैन, गौरव बंसल, सौरभ नारायण सक्सेना ने किया।