World Snake Day: लॉकडाउन में इंसान रहे घर में और सांप घूमने निकल पड़े बिल से बाहर

पिछले साल आगरा और मथुरा में वाइल्‍ड लाइफ एसओएस द्वारा रेस्क्यू किए गए 564 सांप। आगरा में हैं जहरीले सांपों की श्रेणी में आने वाले दो सांप। उत्तर प्रदेश में ही औसतन 8700 लोगों की मौत विषैले सांपों के काटने से होती है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 07:41 AM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 07:41 AM (IST)
World Snake Day: लॉकडाउन में इंसान रहे घर में और सांप घूमने निकल पड़े बिल से बाहर
साल 2020 में आगरा में बीते तीन साल की तुलना में सबसे ज्‍यादा सांप पकड़े गए।

आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान, जहां इंसान घर में बंद रहा, वहीं सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर सैर करने चल पड़े। ये हम नहीं कह रहे, इस बात की तस्‍दीक ताजा रिपोर्ट कर रही है। पिछले तीन सालों में सबसे ज्‍यादा गुजरे साल में आगरा और मथुरा से सबसे ज्यादा सांप रेस्क्यू किए गए हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2020 में 564 सांप रेस्क्यू किए गए। पूरे भारत में जहरीले सांपों की श्रेणी में आने वाले दो सांप आगरा में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा की गई रिसर्च के आधार पर भारत में कोविड-19 लाकडाउन के दौरान सामने आए सांप और मानिटर लिजार्ड का साल 2018, 2019 और 2020 का प्रारंभिक मूल्यांकन किया गया। जिसमें पता चला कि 2020 में संस्था ने सबसे ज्यादा सांप रेस्क्यू किए। 2018 में कुल 339 सांप,2019 में 408 सांप रेस्क्यू किए गए। वहीं 2020 में ये आंकड़ा बढ़ कर 564 तक पहुंच गया। इन सभी रेस्क्यू किए सांपों में सबसे ज्यादा इंडियन रैट स्नेक (धामन), इंडियन राक पाइथन (अजगर), कामन वुल्फ स्नेक, कोबरा (नाग), कामन क्रेट और चेक्कर्ड कीलबैक (पानी वाला सांप) शामिल है। जानकारी के मुताबिक लाकडाउन में लोग अपने घरों में थे, उस समय जंगली जानवरों ने सबसे ज्यादा माइग्रेशन किया। जानवर अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों या आबादी वाले क्षेत्रों में आ गए। यही वजह है कि पिछले साल सबसे ज्यादा सांप रेस्क्यू किए गए।

सांपों को लेकर दूर करते हैं भ्रांतियां

वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था पिछले 15 सालों से सांपों को रेस्क्यू कर रही है। संस्था द्वारा लोगों को जागरूक भी किया जाता है। सांप काटने पर कैसा इलाज चाहिए, इसकी भी जानकारी दी जाती है। पूरे भारत में हर साल करीब 58,000 लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवाते हैं, उत्तर प्रदेश में ही औसतन 8,700 लोगों की मौत विषैले सांपों के काटने से होती है। वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी बताते हैं कि पूरे भारत में सांपों की सिर्फ चार ही ऐसी प्रजाति हैं जो कि विषैली हैं, इनमें कोबरा (नाग), कामन क्रेट, रसल वाईपर एवं सा स्केल्ड वाईपर शामिल हैं। इसमें से आगरा और आसपास के क्षेत्रों में कोबरा एवं काॅमन क्रेट सांप सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। अधिकतर मौतें कोबरा (नाग) के काटने से होती हैं।

सांप काटने पर यह करें

- देसी इलाज पर विश्वास न करें। हर सरकारी अस्पताल में एंटी-वेनम उपलब्ध है जो की किसी भी विषैले सांप के काटने पर इलाज में कारगर साबित हुआ है।

- सांप के काटने पर सांप की पहचान करें। शांत रहें। अगर सांप जहरीला है तो तुरंत घड़ी, अंगूठी, चूड़ी आदि उतार दें।

- जहां सांप ने काटा हो, उस जगह को कपड़े से बांध दें। इससे जहर फैलेगा नहीं, तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

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