Taj Trapezium Zone: प्रदूषण पर कैसे लगे लगाम, कागजों में कार्रवाई, धरातल पर दौड़ रहे 10 हजार लोडिंग टेंपू
हर गली मोहल्लों में फैला रहे प्रदूषण। नहीं कस पा रही नकेल। ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी के साथ ही अारटीओ का भी नहीं है ध्यान। वर्ष 2015 में डीजल चालित लोडिंग टेंपू को किया गया था प्रतिबंधित। पानी के कैंपर के साथ ही सामान की ढुलाई में लगे हैं टेंपू।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए कई उद्योग बलि चढ़ गए, लेकिन लोडिंग टेंपू पर लगाम नहीं लग रही है। कागजों में कार्रवाई हो रही है, तो प्रदूषण पर लगाम कैसे लगेगी। इनको ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) से बाहर ले जाने या सीएनजी में परिवर्तित कर लोकल में चलाने की अनुमति देने की बात तय हुई थी। इसके बाद तीन और फिर सात हजार टेंपू को चरणबद्ध तरीके से परिवहन विभाग ने हटाने का दावा किया था। जर्जर, कंडम हो चुके ये टेंपू सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में प्रदूषण को घटाने और ताजमहल को काला होने से बचाने के लिए डीजल चालित लोडिंग टेंपू को वर्ष 2015 में प्रतिबंधित किया गया था। वर्तमान में डीजल चलित टेंपू ने शहर की हर गली, मोहल्ले में कब्जा कर रखा है। ये पानी के कैंपर पहुंचाने के लिए पूरे दिन दौड़ लगाते हैं। पतली गलियों में स्थित शहर के प्रमुख बाजारों से फुटकर बाजार तक माल पहुंचाने और दूसरे कामों में ये टेंपू जुटे रहते हैं। इनमें बाडी के कई फीट ऊपर तक माल लाद दिया जाता है और शहर के विभिन्न मार्गों पर दौड़ लगाते हैं। परिवहन विभाग ने इस ओर से आंखें मूंद रखी हैं, तो ट्रैफिक पुलिस भी इन पर नकेल कसने की जहमत नहीं जुटाती। एेसे टेंपू जिन्हें टीटीजेड सीमा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, वे कंडम स्थिति में जमकर दौड़ लगाते हुए प्रदूषण फैला रहे हैं। आएदिन ये हादसे का कारण भी बनते हैं।
चलाया जाएगा अभियान
आरटीओ प्रशासन प्रमोद कुमार ने बताया कि डीजल चालित लोडिंग टेंपू टीटीजेड में पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। प्रवर्तन टीम को अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएंगे।