तो दीवारें ही नहीं फर्नीचर भी बोल उठेगा, घर की सज्जा में अपनाकर देखें ये
टेरोकोटा के उत्पादों से बढ़ रही घर की शोभा। ऑनलाइन भी खूब बिक रहे इससे बने उत्पाद। राजस्थान की इस कला को ब्रज में भी किया जा रहा खास पसंद।
ड्राइंग रूम की शोभा बढ़ा रहे टेराकोटा के उत्पाद
ऑनलाइन बाजार में विकल्पों की भरमार
आगरा: इन दिनों घरों की सजावट में टेराकोटा का चलन बढ़ता जा रहा है। कुछ नई तकनीक के साथ टेराकोटा के उत्पाद ब्रांडिंग का रूप लेते जा रहे हैं। टेराकोटा मूर्तिकला, मिट्टी के पात्र और भवन सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका देहाती लुक ही इसे अन्य सामग्रियों से अलग दिखाता है।
इन दिनों टेराकोटा इंटीरियर के लिए लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। इसे अब फ्लोरिंग, रूफ टाइल्स आदि के रूप में प्रमुखता से प्रयोग में लाया जा रहा है। जिन क्षेत्रोंं की जलवायु अधिक गरम होती है वहां टेराकोटा का महत्व और बढ़ जाता है। ये ताप को कम ग्रहण करता है। लिविंग रूम, आफिस की दीवारों पर या फर्श पर सजावट के रूप में इसको खूब देखा जा सकता है। फायर प्लेस एरिया में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। टेराकोटा की मदद से बगीचा, बालकनी को खूबसूरती से सजाया जा सकता है। इन दिनों बाजारों में टेराकोटा के बने प्रोडक्ट्स की भरमार है। जिसमें पेन होल्डर्स, खुदी हुई तस्वीर, छोटे- बड़े गमले, घोड़े हाथी की कलाकृतियां आदि को आसानी से देखा जा सकता है।
ऑनलाइन बाजार में विकल्पों की भरमार
ऑनलाइन बाजार में टेराकोटा के उत्पादों के कई विकल्प उपलब्ध हैं। यहां पचास रुपये से लेकर हजारों रुपये के आइटम मौजूद हैं। टेराकोटा से बनी छोटी कटोरी जहां चार से पांच रुपये में खरीद सकते हैं, वहीं इससे बनी सुंदर कलाकृतियों के लिए 1500 से 2000 रुपये देने पड़ सकते हैं।
क्या है टेराकोटा
टेराकोटा कला राजस्थान की नामचीन कलाओं में से एक है। लाल मिटटी को पकाकर सजावटी सामान बनाने की कला ही टेराकोटा कला कहलाती है। इस कला में बनी वस्तु चमक रहित होती और ज्यादतर लाल रंग की होती है।
टेराकोटा के उत्पाद बढ़ा रहे घर की शोभा
इंटीरियर डेकोरेटर स्वाति गोयल के अनुसार वर्तमान समय में लोग घरों को अलग लुक देने के लिए टेराकोटा के उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुराने समय में तो मिट्टी से बने उत्पादों का प्रयोग होता ही था पर, अब टेराकोटा के उत्पाद घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। आगरा शहर में भी लोग टेराकोटा उत्पादों की मांग करने लगे हैं।