Online Fraud: कॉल और UPI के नाम पर होती है सबसे ज्यादा ठगी, आगरा जोन में सर्वे में आई बात सामने
आगरा जोन में वर्ष 2020 में फ्राड काल के 2929 इस वर्ष जून तक 2050 मामले हुए दर्ज। वर्ष 2020 में यूपीआइ से 1909 और इस वर्ष जून तक 1230 मामले दर्ज। इसमें 4838 मामले साइबर शातिरों द्वारा फ्राड काल और यूपीआइ के माध्यम से की गई धोखाधड़ी के थे।
आगरा, अली अब्बास। आगरा जोन में साइबर शातिर लोगों के खातों से रकम निकालने के लिए सबसे ज्यादा फ्राड काल और यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) का इस्तेमाल कर रहे हैं। जोन में पिछले साल हुए विभिन्न साइबर क्राइम के 8290 मामले दर्ज किए गए। इसमें 4838 मामले साइबर शातिरों द्वारा फ्राड काल और यूपीआइ के माध्यम से की गई धोखाधड़ी के थे। जो कि साइबर क्राइम के कुल अपराधों का 50 फीसद से भी ज्यादा था।
इस वर्ष 30 जून तक साइबर क्राइम के 5493 मामले आफलाइन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) पर दर्ज हुए।जिसमें 2480 मामले फ्राड काल और यूपीआई के हैं। अागरा जोन में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ने का कारण यहां के बीहड़ में सक्रिय हेलो गैंग और मथुरा से लगे एनसीआर में मेवातियों के गिरोह हैं। इसके अलावा झारखंड के जामताड़ा के साइबर गैंग भी लोगों को शिकार बना उनके खातों से रकम निकाल रहे हैं।
ये है साइबर शातिरों का तरीका
-शिकार को बातों में फंसा ओटीपी भेजते हैं। नंबर हासिल करने के बाद बैंक खाते का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल देते हैं। नए नंबर से नेट बैंकिंग करके रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं।
-शिकार को फोन पर जाल में फांस उसके मोबाइल पर लिंक भेजते हैं। मोबाइल को हैक करके उसके खाते से रकम निकाल लेते हैं।
-सिम ब्लाक होने या अन्य तरीकों से भ्रमित करके अपने खाते में रकम डलवाते हैं।
-मेवाती गैंग आनलाइन खरीदफराेख्त की वेबसाइट पर किसी चीज को बेचने का विज्ञापन देते हैं।रकम अपने खाते में डलवाने के बाद सामान नहीं भेजता।
-साइबर शातिर लोगों को वीडियो काल करके हनी ट्रैप का शिकार बना रहे है।
बचाव के तरीके
-मोबाइल पर भेजे गए किसी भी लिंक को न खोलें
-किसी को अपना ओटीपी नंबर नहीं बताएं
-अजनबी नंबर से आने वाली वीडियो काल को रिसीव न करें।
-वेबसाइट पर बेचने के लिए डाली गई किसी भी चीज को खरीदने से पहले पूरी तरह से तस्दीक करें।
ई-वालेट से लेकर शादी के रिश्तों में साइबर शातिरों की सेंध
साइबर शातिरों ने लोगों के ई-वालेट से लेकर शादी के रिश्तों तक में सेंध लगा दी है। फ्राड काल, यूपीआइ के अलावा वह डेबिट व क्रेडिट कार्ड की जानकारी करके धोखाधड़ी की ज रही है। वर्ष 2020 और इस साल जनवरी से
30 जून तक विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम के आंकड़े
-1421: डेबिट व क्रेडिट कार्ड एवं सिम स्वैप से धोखाधड़ी
-950: ई-वालेट से संबंधित धोखाधड़ी के मामले
-414: रिश्तेदार, कंपनी या बैंक अधिकारी बनकर धोखाधड़ी
-134: नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी
-64: इंटरनेट बैंकिंग के धोखाधड़ी के मामले
-1464: फर्जी फेसबुक प्राेफाइल
-582: फेसबुक आइडी हैक व चोरी करने के मामले
-54: ईमेल हैकिंग
-123: इंटरनेट मीडिया में भड़काऊ बयान के मामले
-50: साइबर रैगिंग व वाट़्सएप और फेसबुक पर मैसेज भेजकर परेशान करने के मामले
इन साइबर क्राइम का ग्राफ जीरो
आनलाइन गैंबलिंग, आनलाइन टेरेरिज्म, फिरौती, क्रिप्टो करेंसी का आगरा जोन में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ।
इंटरनेट का प्रयोग करने वाले 52 फीसद लोगों को डिजीटल साइबर स्पेस में सुरक्षित रहने के तरीकों की जानकारी नहीं है। जिसका फायदा उठाकर साइबर अपराधी लोगो को शिकार बनाते हैं। डिजीटल साइबर स्पेस में सुरक्षित रहने और बचाव के तरीके सिखाने के लिए ही एडीजी आगरा जोन यूट्यूब चैनल शुरू किया गया है।
राजीव कृष्ण, एडीजी आगरा जोन