चंबल नदी का रौद्र रूप, 10 गांवों का संपर्क टूटा, 700 बीघा फसल जलमग्न

यमुना नदी भी उफान पर 492 फीट पहुंचा जलस्तर चंबल नदी 129.50 मीटर पर बह रही

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:00 AM (IST)
चंबल नदी का रौद्र रूप, 10 गांवों का संपर्क टूटा, 700 बीघा फसल जलमग्न
चंबल नदी का रौद्र रूप, 10 गांवों का संपर्क टूटा, 700 बीघा फसल जलमग्न

जागरण टीम, आगरा। चंबल नदी के रौद्र रूप ने लोगों को डरा दिया है। मंगलवार सुबह 121 मीटर पर बह रही नदी देरशाम 129.50 मीटर पर पहुंच गई। यह खतरे के निशान (132 मीटर) से महज ढाई मीटर कम है। इससे बाह के 10 गांवों का संपर्क तहसील से टूट गया है। इन गांवों में बिजली काट दी गई है। बाह, पिनाहट और जैतपुर के करीब 20 गांवों की 700 बीघा फसल जलमग्न हो गई है। उधर, गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी भी तेजी से बढ़ रही है।

इस बीच जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने मंगलवार दोपहर एक बजे पिनाहट घाट पर पहुंच चंबल डाल परियोजना की इमारत से नदी के हालात का जायजा लिया। उन्होंने राजस्व टीमों को हाई अलर्ट कर सभी गांवों के लोगों को जरूरत की सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि यमुना नदी में अभी खतरे की स्थिति नहीं है। नदी का जलस्तर 492 फीट है। लो फ्लड लेवल 495 फीट जबकि फ्लड लेवल 508 फीट है। जलस्तर बढ़ा तो किनारे के लोगों को अलर्ट किया जाएगा। सदर और फतेहाबाद तहसील के कई गावों में फसलें जलमग्न होने की सूचना मिली है। जिलाधिकारी के मुताबिक चंबल नदी का जलस्तर पिछले एक सप्ताह से घट-बढ़ रहा है। बाह के गाव गोहरा, रानीपुरा व भटपुरा में स्टीमर की व्यवस्था की गई है। लोगों से नदी किनारे जाने को मना किया है। इन गांवों का तहसील से संपर्क मार्ग टूटा

गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, झरनापुरा, क्योरी बीच का पुरा, पुरा उमरैठा, रेहा, बरैंडा, कछियारा गांवों का तहसील से संपर्क टूट गया है। इन सभी गांवों की बिजली काट दी गई है। राजस्व टीमों ने स्टीमर, नावों की मदद से कुछ गांवों का दौरा किया। स्टीमर का संचालन शुरू

गोहरा, भटपुरा, रानीपुरा गांव में प्रशासन ने लोगों को आवागमन के लिए स्टीमर का संचालन शुरू कराया है। ऐसे बढ़ा नदी का जलस्तर

मंगलवार तड़के तक 121 मीटर पर बह रही चंबल नदी का बहाव तेज होते ही अचानक 123 मीटर पर पहुंच गई। 10 बजे तक जलस्तर 125 मीटर हो गया। तटवर्ती गांवों में हाईअलर्ट जारी होते ही राजस्व टीमों ने गांवों में दौड़ लगा दी। इन गांवों के सपंर्क मार्ग पानी में डूब गए। दोपहर एक बजे 127 मीटर पर नदी थी, तब डीएम पहुंचे। उन्होंने एडीएम बाह अब्दुल बासित समेत राजस्व टीमों को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। तीसरे पहर नदी का जलस्तर 128 मीटर हो गया। देरशाम नदी 129.50 मीटर पर बह रही थी। चार किमी दायरे की फसलें बर्बाद, खेत लबालब

चबंल नदी के चार किलोमीटर के दायरे में आने वाले करीब 20 गांवों की फसल और खेत पानी से लबालब हो गए। सभी संपर्क मार्गो पर पानी भरने से लोग आवाजाही नहीं कर सके। बाह के गाव गोहरा, रानीपुरा, गुढ़ा, पुरा उमरैठा, झरनापुरा समेत 10 गावों में बिजली काट दी गई। रात के समय ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहे। 2019 में हुई थी भारी तबाही

वर्ष 2019 में चंबल नदी के उफान ने कई गांवों में भारी तबाही मचाई थी। तब बाह के तटवर्ती 30 से अधिक गांव प्रभावित हुए थे। यहां के लोगों ने ऊंचे इलाकों पर जाकर कई दिन शरण ली थी। अधिकारियों को आशंका है कि इस बार भी चंबल नदी पुरानी स्थिति में पहुंच सकती है। गुढ़ा गांव में करीब 80 घर हैं। पूरे गांव को चंबल नदी ने घेर लिया है। अपने लिए और मवेशियों के लिए खाने का संकट है। बिजली भी नहीं आ रही।

धनी सिंह, ग्रामीण, गुढ़ा निवासी झरनापुरा गांव में 75 घर हैं। सभी लोग बेहद डरे हुए हैं। हमने ऊंचे इलाकों पर जाकर शरण ली है। खाने-पीने समेत जरूरत के सामान के लिए मुश्किल हो रही है।

प्रेम सिंह, ग्रामीण, झरनापुरा निवासी

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