मुसीबत की 'जरुरत' नहीं काम आती वक्‍त पर, पढ़ें हेल्‍पलाइन नंबरों की हकीकत Agra News

181 हेल्पलाइन को चार माह से नही मिल रहा ईंधन एक सप्ताह पहले पूर्णरूप से बंद हुई सेवा। पैनिक बटन दबाने पर भी नहीं मिल रही सहायता पुलिस रेल व स्वास्थ्य विभाग दे रहा रेस्पॉन्स।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 04:41 PM (IST)
मुसीबत की 'जरुरत' नहीं काम आती वक्‍त पर, पढ़ें हेल्‍पलाइन नंबरों की हकीकत Agra News
मुसीबत की 'जरुरत' नहीं काम आती वक्‍त पर, पढ़ें हेल्‍पलाइन नंबरों की हकीकत Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। हर सरकार में लोगों की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं। डिजिटल इंडिया का सपना देख रही सरकारें अपने कार्यकाल में कोई न कोई हेल्पलाइन नंबर भी लांच कर कोरम पूरा कर देती हैं। इसके बाद भी जब लोगों को हेल्प की जरूरत होती है, तो यह नंबर्स कितने कारगर साबित होते हैं इसका पता लगाने के लिए दैनिक जागरण ने कई हेल्पलाइन नंबर्स का रियेलिटी चेक किया। हमने एक दर्जन से अधिक हेल्पलाइन नंबर्स पर कॉल किया, जिसमें से कुछ पर रेस्पॉन्स मिला तो कुछ हेल्पलाइन दम तोडती नजर आई। हेल्पलाइन नंबर्स की ये हकीकत जिम्मेदारों को बताती है कि अब हेल्पलाइन नंबर्स को भी 'हेल्प' की जरूरत है।

हेल्प लाइन -181

महिलाओं की मदद के लिए प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना फंड के अभाव में दम तोड़ रही है। जागरण रिपोर्टर ने यहां कॉल की तो यहां कॉल रिसीव हो गई। मदद का वादा भी किया गया। मगर, हकीकत कुछ और है। मदद के लिए जाने वाली रेस्क्यू वैन फ्यूल के अभाव में नहीं पहुंच पा रही है। नवंबर में इस नंबर पर आगरा से 230 कॉल पहुंचीं। सरकार ने फरवरी 2019 से इस प्रोजेक्ट को चलाने के लिए फंड ही नहीं दिया। प्रोजेक्ट हेड आशीष वर्मा का कहना है कि फंड आने का इंतजार किया जा रहा है। जिला प्रोवेशन अधिकारी लव कुमार ने बताया कि विभाग का काम गाड़ी के संचालन तथा संबंधित एंजेसी से समन्वयक बनाए रखना था। पिछले चार माह से पूरे प्रदेश में गाडिय़ां बंद कर दी गई। मंडल में पहले से भी नहीं चल रही थीं। साढ़े तीन माह तक उन्होंने किसी तरह गाड़ी को संचालित करवाया,लेकिन एक सप्ताह पहले डीजल की पूर्ति न होने पर उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद कंपनी जीवीके-इएएमआरआइ अपनी बोलेरो को ले गए।

महिला हेल्प लाइन- 1090

यह महिला हेल्प लाइन नंबर महिलाओं की मदद के लिए है। साइबर क्राइम या अन्य किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत पर कॉल कर सकते हैं। जागरण रिपोर्ट ने गुरुवार शाम 5.59 पर इस नंबर कॉल की। कॉल रिसीव होने के बाद कॉल टेकर ने इसे डिसकनैक्ट कर दिया।

यूपी- 112

यूपी- 100 को बदलकर यूपी 112 नंबर जारी किया गया है। इस पर कॉल करने पर पुलिस और अग्निशमन विभाग द्वारा तत्काल मदद पहुंचाई जाती है। जागरण रिपोर्टर ने कॉल किया तो कॉल रिसीव हुई। समस्या बताने पर तत्काल पुलिस की मदद पहुंचने का भरोसा भी जताया।

हेल्प लाइन नंबर- 101

यह अग्निशमन की मदद को हेल्प लाइन नंबर है। यह नंबर अधिक कॉल आने के कारण व्यस्त रहता है। कई बार के प्रयास के बाद कॉल रिसीव हो गई। इसके बाद तत्काल मदद को पहुंचने को भी कहा।

हेल्प लाइन नंबर- 102

गर्भवती महिलाओं के लिए 102 और दुर्घटना के घायलों को अस्पताल में पहुंचाने के लिए 109 एंबुलेंस सेवा है, इस पर फोन करने के 20 से 40 मिनट में एंबुलेंस पहुंच रही है। जिले में 102 और 108 की 66 एंबुलेंस हैं।

पैनिक बटन

आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के 43 चौराहों पर पैनिक बटन लगना है। अभी तक सूरसदन चौराहा पर पैनिक बटन लग चुका है। जिसका ट्रायल भी हो चुका है। एमजी रोड, यमुना किनारा रोड, भगवान टाकीज, वाटरवक्र्स, माल रोड, फतेहाबाद रोड के चौराहों पर बटन लगाने का कार्य चल रहा है। एमजी रोड पर बटन दबाने पर कोई रेस्पांस नही मिला। नगर निगम में बताया गया कि आगरा कॉलेज में कार्यक्रम होने के कारण कुछ देर यह सेवा बाधित रही।

139 पर उपलब्ध है रेल मदद

ट्रेन में यात्रा के दौरान या यात्रा से पहले कोई मदद चाहिए तो रेलवे के हेल्प लाइन नंबर 139 पर कॉल कर सकते हैं। इन नंबर पर कॉल की गई और यात्री चिकित्सा, सुरक्षा संबंधी बात की गई, नाम व टेन नंबर पूछा गया। टेलीफोन सुनने वाले ने ही बताया केि इस नंबर पर ट्रेन में खान-पान, गंदगी, भ्रष्टाचार की शिकायत भी की जा सकती है।  

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