कोरोना से खुशियों पर ग्रहण के बावजूद बेटियों को रही दूसरों की चिता

हौसले को सलाम कोरोना संक्रमण से पिता की मौत के बाद दुनिया में अकेला होने के बावजूद बेटियों को दूसरों के स्वास्थ्य की चिता थी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 05:25 AM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 05:25 AM (IST)
कोरोना से खुशियों पर ग्रहण के बावजूद बेटियों को रही दूसरों की चिता
कोरोना से खुशियों पर ग्रहण के बावजूद बेटियों को रही दूसरों की चिता

आगरा,जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से पिता की मौत के बाद दुनिया में अकेला होने के बावजूद बेटियों को दूसरों के स्वास्थ्य की चिता थी। बाबा की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद बेटियों ने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया। इससे कि कालोनी के अन्य लोग संक्रमित होने से बच सकें।

ताजगंज के नीति बाग की अमलताश कालोनी निवासी आलोक कुमार लाल (53 वर्ष) का हंसता खेलता परिवार दूसरों के लिए मिसाल था। परिवार में पत्नी रुचिता लाल के अलावा बेटियां निमिषा और अमिषा थीं। बेटियों के लिए उनके पापा रोल माडल थे। आलोक कुमार डिस्पोजल गिलास,प्लेट समेत अन्य वस्तुओं का व्यापार करते थे। परिवार की खुशियों को दो साल पहले किसी की नजर लग गई। मां रुचिता लाल की किडनी फेल होने से मौत हो गई।

बेटियां इस आघात से पिता की मदद से उबरने का प्रयास कर रही थीं। निमिषा बीएड के बाद टेट की परीक्षा उत्तीर्ण करके प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। वहीं, छोटी बेटी अमिषा बीकाम कर रही है। बेटियों की खुशियों पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया। तीन दिन पहले पिता को कोरोना ने उनसे हमेशा के लिए छीन लिया। उनके 85 वर्षीय बाबा भी कोरोना संक्रमित होने से अस्पताल में भर्ती हैं। महामारी द्वारा पिता को अचानक मौत से बेटियों को अब उनके व्यापार के साथ ही अपने भविष्य की चिता सता रही है।

इसके बावजूद बेटियों को सामाजिक जिम्मेदारी का पूरा अहसास था। अपनी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया। इससे कि कालोनी में रहने वाले दूसरे लोग संक्रमण से सुरक्षित रह सकें। निमिषा और अमिषा के इस मुश्किल समय में उनके साथ पापा के दोस्त वीरेंद्र उनकी पत्नी वर्षा, विजय व उनकी पत्नी रश्मि खड़े हैं। बेटियों की हौसला अफजाई करके उन्हें इससे उबारने में मदद कर रहे हैं।

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