Cyber Fraud: 250 करोड़ की ठगी करने वाले नाइजीरियन गैंग तक नहीं पहुंच सकी थी गुजरात पुलिस
Cyber Fraud गुजरात पुलिस ने 15 बैंक खातों को कराया था सीज फर्जी दस्तावेजों के चलते नहीं पकड़ा गया था गैंग। गिरफ्तार नाइजीरियन साइबर शातिरों समेत चारों आरोपित जेल भेजे।
आगरा, जागरण संवाददाता। दस साल के दौरान लाखाें लोगों से 250 करोड़ की ठगी करने वाले नाइजीरियन गैंग तक तेज तर्रार गुजरात पुलिस भी नहीं पहुंच सकी थी। उसने गैंग के 15 बैंक खातों को सीज करा दिया था। मगर, उनमें फर्जी दस्तावेज लगे होने के चलते शातिर उसके हाथ नहीं आए थे। रेंज साइबर सेल नाइजीरियन साइबर शातिर समेत गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद अब उसके कॉकस तक पहुंचने की कोशिश में जुट गयी है। वहीं, शुक्रवार को पुलिस ने गैंग के गिरफ्तार किए गए चारों सदस्यों को जेल भेज दिया।
रेंज साइबर सेल ने गुरुवार को नाइजीरियन और भारतीय साइबर गैंग का पर्दाफाश किया था। नाइजीरिया के गुड्स टाइम संडे उर्फ बेंशन, तरुण यादव निवासी सेक्टर एक गाजियाबाद, आरिफ निवासी थाना असमौली संभल और जसपाल निवासी थाना नखासा संभल को गिरफ्तार किया था। बेंशन वर्तमान में गुरुग्राम में रह रहा था। गिरोह ने शाहगंज के वेस्ट अर्जुन नगर निवासी प्रताप सिंह चाहर को बीमा पॉलिसी की कई करोड़ की रकम मिलने का झांसा देकर उनसे 96 लाख रुपये ठग लिए थे।
रेंज साइबर सेल गैंग से मिले बैंको की पासबुक, आइडी आदि की जांच कर रही है। साइबर सेल की जांच में सामने आया है कि गैंग ने मुरादाबाद, संभल, गोरखपुर और बिहार के कई राज्यों में फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाते खुलवाए थे। गुजरात पुलिस ने साइबर शातिरों द्वारा की गयी लाखाें की धोखाधड़ी के मामले में विभिन्न बैकों के 15 खाते सीज कराए थे। गुजरात पुलिस ने इन खाता धारकों तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन दस्तावेज में फर्जी नाम-पता होने के चलते शातिरों तक नहीं पहुंच सकी थी। आइजी रेंज ए. सतीश गणेश ने बताया कि गैंग के सदस्यों के पास 75 पासबुक मिली हैं। रेंज साइबर सेल इन बैंकों से संपर्क कर रही है। इससे कि इन खातों को होल्ड कराया जा सके।