ताजमहल तो खुल गया पर अब भी गाइड्स के सामने है ये संकट
देश में लॉकडाउन के समय से ही खाली बैठे हैं आगरा में टूरिस्ट गाइड। ताजमहल को खुले हुए हो चुका है एक महीना उसके बाद भी पर्यटकों की संख्या में इजाफा नहीं। इंटरनेशनल फ्लाइट जब तक नहीं होती चालू तब तक बनी रहेगी मुश्किल।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल खुले हुए एक माह से अधिक समय हो चुका है, लेकिन संस्कृति के दूत कहे जाने वाले गाइडों को अभी तक काम नहीं मिल सका है। वो लाक डाउन के समय से ही खाली बैठे हुए हैं। इससे उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट दिन-प्रतिदन गहराता जा रहा है। इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा सर्विस शुरू नहीं होने की स्थिति में उन्हें फिलहाल काम मिलने की उम्मीद भी कम नजर आ रही है।
दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल कोरोना काल में 188 दिनों की बंदी के बाद 21 सितंबर को पर्यटकों के लिए खोला गया था। स्मारक खुले हुए एक माह हो चुका है। कोरोना काल में खुले स्मारक में पर्यटकों की संख्या पर कैपिंग लागू है और एक दिन में पांच हजार टिकट ही बुक हो सकते हैं। इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं आने और टूरिस्ट वीजा सर्विस शुरू नहीं होने की वजह से विदेशी पर्यटक यहां नहीं आ पा रहे हैं। इसका असर साफ नजर आ रहा है। ताजमहल पर काम करने वाले गाइड स्मारक खुलने के बाद भी खाली बैठे हुए हैं। उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दिन-प्रतिदिन उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है और सरकार की तरफ से कोई राहत उन्हें मिली नहीं है।
18 मार्च को आखिरी ग्रुप टूर किया था। उसके बाद से आज तक किसी पर्यटक को नहीं घुमाया है। विदेशी पर्यटकों का आना संभव नहीं हो पाने की वजह से यह स्थिति हुई है। आर्थिक संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
-पुनीत वर्मा, यूपीटी गाइड
मुझे गाइड का काम करते हुए 22 वर्ष हो चुके हैं। इतने वर्षों में मुझे कभी भी घरवालों से पैसे मांगने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन कोरोना काल में उनसे पैसे लेने पड़े। छह माह से अधिक समय से काम नहीं मिलने से बुरा हाल है।
-अमित दत्ता, डीओटी गाइड