ताजमहल में मेहमानखाना और मस्जिद का होगा संरक्षण, एएसआइ ने शुरू की तैयारी
दोनों स्मारकों की दक्षिणी बुर्जियों का संरक्षण करेगा एएसआइ। 44.89 लाख रुपये होंगे व्यय चार माह तक चलेगा संरक्षण। दोनों बुर्जियों के छज्जे और मेहराब के पत्थर कुछ जगह से टूटे हुए हैं। बुर्जी के चारों ओर लगी रेड सैंड स्टोन की जाली भी टूट गई है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल में मुख्य मकबरे के गुंबद का संरक्षण कर रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अब मेहमानखाना और मस्जिद के संरक्षण की योजना बनाई है। दोनों स्मारकों की बुर्जियों के संरक्षण कार्य को टेंडर किया गया है। इस पर 44.89 लाख रुपये व्यय होंगे। चार-पांच माह का समय संरक्षण कार्य में लगेगा।
एएसआइ द्वारा ताजमहल में मुख्य मकबरे के गुंबद पर संरक्षण का कार्य किया जा रहा है, जो अंतिम चरण में पहुंच गया है। पच्चीकारी के निकले हुए पत्थरों को दोबारा लगाया गया है। इसके साथ ही एएसआइ ने मेहमानखाना की दक्षिणी बुर्जी और मस्जिद की दक्षिणी बुर्जी के संरक्षण को टेंडर किया है। दोनों बुर्जियों के छज्जे और मेहराब के पत्थर कुछ जगह से टूटे हुए हैं। बुर्जी के चारों ओर लगी रेड सैंड स्टोन की जाली भी टूट गई है। यहां कुछ जगहों से पच्चीकारी के पत्थर भी निकल गए हैं। मेहमानखाना की बुर्जी के संरक्षण पर 22.42 लाख रुपये और मस्जिद की बुर्जी के संरक्षण पर 22.47 रुपये व्यय होंगे। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि दोनों बुर्जियों का संरक्षण कार्य जून-जुलाई तक चलेगा।