30 से 45 दिन में हो रहा रिफंड आवेदनों का निस्तारण
केंद्रीय जीएसटी आयुक्त ने आइसीएआइ की सेमिनार में कहा वर्ष 2029 तक विभाग पूरी तरह हो जाएगा डिजिटलाइज्ड
आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) आयुक्त लल्लन कुमार ने शनिवार को कहा कि विभाग वर्तमान में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) रिफंड आनलाइन प्रक्रिया से निस्तारित कर रहा है। विभाग 30 से 45 दिनों में रिफंड प्रक्रिया में प्राप्त आवेदनों की जांच कर उनका निस्तारण कर रहा है।
होटल होली-डे-इन में आयोजित द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीएआइ) की आगरा शाखा की सेमिनार में उन्होंने कहा कि विभाग अपनी सारी गतिविधियां आनलाइन करने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। उम्मीद है वर्ष 2029 तक विभाग पूरी तरह डिजिटलाइज्ड हो जाएगा। विभाग का उद्देश्य जनजागरण अभियान चलाकर जीरो रिटर्न फाइलिग थ्रू एसएमएस योजना को जन-जन तक पहुंचाना है।
-------------
माल और सेवाओं पर लगेगा जीएसटी
प्रथम सत्र में एड. बृजेश वर्मा ने रियल एस्टेट लेनदेन पर जीएसटी विषय में बताया। कहा कि इनपुट और इनपुट सेवाओं का 80 फीसद पंजीकृत खरीदार से खरीदने की शर्त है, लेकिन कैपिटल गुड्स और सीमेंट में खरीद 100 फीसद तक करनी होती है। जीएसटी हर वस्तु पर लागू है और यह माल, सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर लगता है। ताजा निर्माण के लिए कराधान की नई योजना वैकल्पिक नहीं है। कर भुगतान के लिए सिर्फ कैश लेजर का उपयोग कर सकते हैं।
--------------
नहीं लगेगी ब्याज
द्वितीय सत्र में जतिन हरजाई ने जीएसटी में नवीनतम संशोधन व महत्वपूर्ण मुद्दों के विषय में बताया कि एक जुलाई 2017 से आठ अक्टूबर 2019 तक किसी भी आइटीसी के लिए मना नहीं कर सकते थे कि वह फार्म टू-ए में दिखाई नहीं दिख रहा। आइटीसी कम हो तो ब्याज और देरी से जमा करने पर ब्याज जोड़ने का जीएसटी एक्ट में कोई प्रविधान नहीं, इसलिए विभाग भी कोई ब्याज नहीं लगा सकता।
शाखा अध्यक्ष आशीष जैन, गौरव बंसल, सचिव दीपिका मित्तल, सौरभ नारायण सक्सेना, आगरा सिकासा अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, शरद पालीवाल आदि मौजूद रहे।