Lockdown 4: स्पेशल ट्रेन से आए युवाओं को जीआरपी ने पीटा, निकाल दी रात में परेड
दिल्ली से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन से आए थे आगरा मथुरा के युवा। एयरपोर्ट पर कार्यरत युवतियां भी शामिल।
आगरा, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते देश वैसे ही विषम परिस्थितियों से जूझ रहा है। रोजगार के चक्कर में आगरा मंडल के हजारों युवा दिल्ली में नौकरी करते हैं। जो दो महीने से लॉकडाउन के दौरान देश की राजधानी में फंसे बैठे थे। घर और परिवार से दूर रहना, अकेले घर में बंद रहकर गुजारा करना। पल-पल इन लोगों को भारी पड़ रहा था। तनावग्रस्त जब ये लोग, स्पेशल ट्रेन में बैठे तो घर पहुंचने के सपने ने ही आधा तनाव दूर कर दिया। ट्रेन दिल्ली से प्रयागराज को चली थी। टिकट मजबूरी में पूरा लिया। रेलवे स्टेशन पर बताया गया कि रास्ते में इसी टिकट से आप बीच में स्टॉपेज पर उतर सकते हैं। टूंडला रेलवे स्टेशन पर ये ट्रेन रात दो बजे रुकी तो करीब 50 युवा उससे उतर लिए। यहां जीआरपी ने जमकर अभद्रता और मारपीट कर दी। रात में दो बजे सड़क पर परेड निकाल दी। युवाओं में दिल्ली एयरपोर्ट पर कार्यरत दो युवतियां भी शामिल हैं। बुजुर्ग और बच्चे भी हैं। वहीं जीआरपी का कहना है कि इस ट्रेन का टूंडला में स्टॉपेज नहीं था। ये लोग चेन पुलिंग कर उतरे थे।
मामला सोमवार-मंगलवार मध्य रात्रि दो बजे का है। टूंडला रेलवे स्टेशन पर दिल्ली से प्रयागराज को चली स्पेशल ट्रेन आकर रुकी। ट्रेन से करीब 50 लोग उतरे। प्लेटफार्म पर आने पर जीआरपी से युवाओं की जमकर तकरार होने लगी। युवाओं का आरोप है कि जीआरपी ने उनसे कहा आपके पास प्रयागराज का टिकट है, वापस ट्रेन में बैठो और वहीं उतरना। वहीं युवाओं का कहना है कि उन्हें दिल्ली से प्रयागराज का टिकट दिया गया था, जबकि उन्हें टूंडला उतरना था। स्टॉपेज की लिस्ट देते हुए कहा गया था कि आप उतर जाना। जब वे टूंडला स्टेशन पर उतरे तो जीआरपी ने अभद्रता और मारपीट की। जीआरपी जबरदस्ती उन्हें ट्रेन में वापस चढ़ा रही थी। इस बात को लेकर काफी देर तक हंगामा होता रहा। पुलिस का कहना है कि बातचीत के दौरान युवा शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे थे। हमने बस यही कहा कि थोड़ी दूर से बात करो।
ट्रेन जाने के बाद इन युवाओं को एक किलोमीटर दूर स्थित आश्रय स्थल चौ. बीरी सिंह महाविद्यालय तक पैदल परेड कराकर लाया गया। युवाओं में अधिकांश मथुरा और आगरा के रहने वाले हैंं। दो युवतियां दिल्ली एयरपोर्ट पर नौकरी करती हैं।
इस मामले में जीआरपी इंस्पेक्टर टूंडला एसके पोनिया का कहना था कि लोग चेन पुलिंग करके उतरे थे। रोकने पर यात्रियों ने अभद्रता की। मारपीट के आरोप झूठे है। एसपी रेलवे जोगेंद्र सिंह का कहना है कि यदि यात्रियों के साथ मारपीट हुई तो गलत है। वे मामले की जानकारी करेंगे। आरोप सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई होगी।
आश्रय स्थल पर हुआ हंगामा
आश्रय स्थल पर मंगलवार सुबह युवाओं ने फिर हंगामा किया। यहां रात तीन बजे पहुंचने के बाद सुबह नौ बजे तक न चाय आई और न दूध। इन लोगों के साथ बच्चे और बूढ़े भी शामिल हैं। बच्चों को दूध नहीं मिलने से हाल बुरा था। युवा मांग कर रहे थे कि या तो हमें बाजार जाकर सामान लाने दो या फिर इंतजाम कराओ। आश्रय स्थल पर तैनात सिपाही ने अपनी मजबूरी जाहिर कर दी कि वह इसमें कुछ नहीं कर सकता, आश्रय स्थल को किसी को बाहर जाने देने के आदेश नहीं हैं।