उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में बढ़ता आगरा का कद, विकास को मिले रफ्तार तो अब बने बात

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति का अध्यक्ष बनाए जाने से शहर को एक और तोहफा मिला। पहले उत्तराखंड की राज्यपाल फिर राज्यसभा सदस्य और अब यूपी एससी-एसटी आयोग का अध्यक्ष भी आगरा से। आगरा से जुड़ी तमाम विकास योजनाओं को है परवान चढ़ने का इंतजार।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:46 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:46 AM (IST)
उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में बढ़ता आगरा का कद, विकास को मिले रफ्तार तो अब बने बात
आगरा के भाजपा नेताओं का प्रदेश की राजनीति में कद बढ़ रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में केसरिया रंग गहराता जा रहा है। बीते लोकसभा, विधानसभा व निकाय चुनाव में जिस तरह से लोगों ने भाजपाई प्रत्याशियों पर भरोसा जताया, उससे भाजपा में ताजनगरी का कद बढ़ गया है। पार्टी ने पहले उत्तराखंड की राज्यपाल के रूप में आगरा की पूर्व मेयर बेबीरानी मौर्य को चुना, राज्यसभा सदस्य के लिए हरद्वार दुबे को आगे बढ़ाया, एमएलसी के लिए धर्मवीर प्रजापति और अब डा. रामबाबू हरित को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाकर ताजनगरी को एक और तोहफा दे दिया है।

राज्यपाल

आगरा की पूर्व मेयर बेबीरानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल हैं।

दो सांसद

आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल और फतेहपुर सीकरी लोकसभा से राजकुमार चाहर। राजकुमार चाहर भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। प्रो. एसपी सिंह बघेल भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।

नौ विधायक, दो राज्यमंत्री

जिले की नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा के ही विधायक हैं। इनमें से छावनी से विधायक डा. जीएस धर्मेश और फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी उदयभान सिंह प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं।

राज्यसभा सदस्य व एमएलसी

भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे हरद्धार दुबे को राज्यसभा सदस्य बनाया है। वहीं, धर्मवीर प्रजापति को एमएलसी बनाया।

महापौर-जिला पंचायत अध्यक्ष

महापौर पद भी भाजपा के कब्जे में है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी भाजपा का ही कब्जा था। इस बार भी इस पद की दौड़ में भाजपा ही आगे है।

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