राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को मिले 15 सहायक अध्यापक

मुखयमंत्री ने 3317 चयनित शिक्षकों को दिए नियुक्ति पत्र जिले में चयनित 15 शिक्षकों को तुरंत ज्वाइनिग करने के आदेश

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:50 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:50 AM (IST)
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को मिले 15 सहायक अध्यापक
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को मिले 15 सहायक अध्यापक

आगरा, जागरण संवाददाता । राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए उप्र लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से चयनित 3,317 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र शुक्रवार को सौंपे गए। जिले को 15 नए सहायक अध्यापक मिले हैं, जिन्हें कलक्ट्रेट सभागार में राज्यमंत्री चौ. उदयभान व डीएम प्रभु एन सिंह ने नियुक्ति पत्र सौंपे।

मुख्य कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ में हुआ, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए एलटी ग्रेड के चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। उन्होंने पांच शिक्षकों को प्रतीकात्मक रूप से नियुक्ति पत्र भी सौंपे। इसके बाद जिले में नियुक्ति पत्र वितरण प्रक्रिया शुरू हुई। राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह ने बताया कि यह सभी नवचयनित शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण मौका है, लिहाजा शिक्षकों को आज संकल्प लेना चाहिए कि वह कड़ी मेहनत और इंतजार के बाद मिली इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे। आठ अक्टूबर को भरवाए गए थे विकल्प

जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों को मेरिट और विकल्प के आधार पर शुक्रवार को स्कूल आवंटित किये गए हैं। वहीं मनपसंद स्थान पर नियुक्ति के लिए उनसे आठ अक्टूबर तक आनलाइन आवेदन मांगे थे। नियुक्ति में विधवा, गंभीर बीमारी से ग्रस्त, सैनिक की पत्नी, दिव्यांग सहित अन्य श्रेणियों के चयनित अभ्यर्थियों को वरीयता दी गई है। आनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं नियुक्त पत्र :

जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र यूपीपीएससी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं, जहां से उन्हें डाउनलोड कर सीधे ज्वाइनिग की जा सकती है। संबंधित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि किसी भी अभ्यर्थियों की ज्वाइंनिग में लापरवाही या देरी न की जाए। खिले चेहरे :

नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों के चेहरों की खुशी देखते ही बन रही थी। उनका कहना था कि इस लम्हे का इंतजार उन्हें लंबे समय से था। देरी से ही सही, लेकिन आज उनका सपना पूरा हो गया। वह पूरी कोशिश करेंगे कि आवंटित विद्यालय में शिक्षा के स्तर में सुधार करें।

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