कागजों में रीबोर हो रहे सरकारी हैंडपंप, एक− एक बाल्टी के लिए भटक रहे लोग
आगरा में 2345 हैंडपंप रीबोर और 1219 हैंडपंप मरम्मत के लिए चिह्नित किए गए कागजों में इन सभी की मरम्मत और रीबोर कर दिए गए हैं। जबकि जगनेर खेरागढ़ सैंया पिनाहट शमशाबाद बाह फतेहाबाद आदि ब्लाक में तमाम सरकारी हैंडपंप खराब हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। गर्मी ने दस्तक दे दी है। आने वाले दिनों में ये अपने तेवर दिखाने लगेगी। इसी के साथ पेयजल की समस्या भी बढ़ने लगेगी। इसके बावजूद जिले में हैंडपंप रीबोर और मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। सिर्फ कागजों में ही हैंडपंपों की मरम्मत की जा रही है। सैकड़ों सरकारी हैंडपंप और टीटीएसपी खराब हैं। गर्मी में लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए भटकने को मजबूर होते हैं।
आगरा में 2345 हैंडपंप रीबोर और 1219 हैंडपंप मरम्मत के लिए चिह्नित किए गए, कागजों में इन सभी की मरम्मत और रीबोर कर दिए गए हैं। जबकि जगनेर, खेरागढ़, सैंया, पिनाहट, शमशाबाद, बाह, फतेहाबाद आदि ब्लाक में तमाम सरकारी हैंडपंप खराब हैं। सैंया ब्लाक में तो लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए कई किमी दूर जाना पड़ता है। यहां टीटीएसपी भी शोपीस बने हुए हैं। पानी की समस्या को देखते हुए सरकार ने जगह-जगह टीटीएसपी स्थापित किए थे, जिससे कि लोगों को पानी उपलब्ध हो सके। मगर, ये टीटीएसपी किसी काम के नहीं हैं। अधिकांश बंद हैं। किसी की मोटर खराब है तो किसी की रखरखाव के अभाव में टंकी टूट चुकी है। मंडल में मैनपुरी जिले में सबसे अधिक सरकारी हैंडपंपों की मरम्मत की गई। यहां 4169 हैंडपंपों की मरम्मत का लक्ष्य रखा गया था। सभी की मरम्मत कर ली गई है। मथुरा में 1175, फिरोजाबाद में 1656 हैंडपंपों की मरम्मत किए जाने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा पेयजल आपूर्ति के लिए कई और योजनाएं संचालित हो रही हैं। मगर, सभी सफेद हाथी साबित हो रही हैं।