पर्यटन को उबारने के लिए गुजरात के समान मिले रियायत
कोरोना काल में 15 माह से प्रभावित आगरा का पर्यटन कारोबार गुजरात में संपत्ति कर व फिक्स्ड चार्ज में एक वर्ष की दी गई छूट
आगरा, जागरण संवाददाता । ताजनगरी का पर्यटन कारोबार 15 माह से कोरोना से प्रभावित है। वर्तमान परिस्थिति में पर्यटन कारोबारियों को स्मारक खुलने पर भी राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे। इसलिए वे गुजरात के समान करों में रियायत की मांग प्रदेश सरकार से कर रहे हैं। वहां एक वर्ष के लिए संपत्ति कर व बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज माफ कर दिया गया है।
कोरोना काल में ताजनगरी का पर्यटन उद्योग पिछले वर्ष 17 मार्च को स्मारकों के बंद होने के साथ ठप हो गया था। 70 फीसद तक विदेशी पर्यटकों पर निर्भर पर्यटन उद्योग को 21 सितंबर से 15 अप्रैल तक स्मारक खुले रहने पर भी राहत नहीं मिल सकी। इसकी वजह इंटरनेशनल फ्लाइट व टूरिस्ट वीजा सर्विस के अभाव में विदेशी पर्यटकों का यहां नहीं आना था। अब 16 अप्रैल से स्मारक बंद चल रहे हैं। 15 माह में पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अगर, स्मारक अभी खोल भी दिए जाएं तो विदेशी पर्यटक इंटरनेशनल फ्लाइट व टूरिस्ट वीजा सर्विस शुरू किए बगैर यहां नहीं आ सकेंगे। इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कोरोना के प्रभाव को देखते हुए होटल, रिजोर्ट्स, रेस्टोरेंट, वाटरपार्क आदि का वित्तीय वर्ष 2021-22 की अवधि के संपत्ति कर व बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज माफ कर दिया है। इसके बाद आगरा में भी पर्यटन कारोबारी गुजरात के समान रियायत देने की मांग कर रहे हैं। कोरोना काल में आगरा के पर्यटन कारोबार को उबारने के लिए सरकार को गुजरात के समान करों में रियायत देनी चाहिए। बिजली बिल, संपत्ति कर, एक्साइज ड्यूटी, जीएसटी आदि में छूट देकर सरकार पर्यटन उद्योग को इस संकट से उबरने में सहायता कर सकती है।
-राजीव सक्सेना, उपाध्यक्ष टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा कोरोना काल में पिछले 15 माह से कोई काम नहीं है। सरकार ने करों में कोई रियायत नहीं दी। गुजरात में सरकार ने पर्यटन कारोबारियों को रियायत दी है। उप्र सरकार को इस बारे में गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए, क्योंकि आगरा देश के पर्यटन का शोकेस है।
-संदीप अरोड़ा, अध्यक्ष आगरा टूरिज्म डवलपमेंट फाउंडेशन