छोटे कारीगरों को मिलेगा प्रतिभा का सम्मान, सरकार ने उठाया ये कदम
ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए सरकार का एक और कदम। प्रशिक्षण, टूल किट के साथ कारीगरों को अनुदान भी मिलेगा।
आगरा, संजय रुस्तगी। गली-कूचों के हुनरमंद कारीगरों को विकास की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए सरकार ने 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' शुरू की है। योजना के तहत उनका हुनर तो निखारा ही जाएगा, व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वता से निपटने को उन्हें ऋण भी दिया जाएगा। बुधवार को इस योजना का शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। यह योजना ऐसे उन छोटे कारीगरों के लिए लाभदायक साबित होगी, जो हुनरमंद हैं लेकिन तकनीक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उनके लिए सरकार सहूलियतें देने जा रही है।
सरकार की ये योजना 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ओडीओपी) के लिए वरदान साबित होगी। क्योंकि इस योजना से छोटे कारीगरों को जोडऩे के लिए खास पहल अब तक नहीं की गई थी। 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान' योजना के लाभार्थियों को ओडीओपी से जुडऩे के लिए वरीयता दी जाएगी। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें शिक्षित होने का कोई मानक नहीं रखा गया है। प्रशिक्षण का पाठयक्रम भी खास होगा और टूल किट भी पारंपरिक के बजाय अत्याधुनिक औजारों वाली होगी। इसके लिए जिलेवार पात्र कारीगरों का चयन किया जाएगा, जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होगा।
ये होगा प्रशिक्षण
-पारंपरिक कारीगरों कोकौशल विकास के लिए उप्र कौशल मिशन से जोड़ा जाएगा। छह दिवसीय प्रशिक्षण आइटीआइ, उप्र खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के केंद्रों पर दिया जाएगा।
-प्रशिक्षण का पाठयक्रम अलग-अलग ट्रेड के हिसाब से तैयार किया जाएगा। पाठयक्रम उद्योग निदेशालय में आयुक्त एवं निदेशक की अगुवाई वाली कमेटी तय करेगी।
ये भी खास
-आधुनिक तकनीक से बनाए गए औजारों की टूल किट भी दी जाएगी।
-लाभार्थियों को मार्जिन मनी योजनाओं के तहत ऋण दिलाया जाएगा। इसमें पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम, सीएम युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी के तहत दिलाया जाएगा।
-परिवार का एक सदस्य ही योजना का लाभ ले सकेगा।
-लाभार्थी का चयन जिला स्तर पर गठित कमेटी करेगी। इसके अध्यक्ष उपायुक्त उद्योग होंगे।
ये होगी पात्रता
आवेदक उप्र का निवासी हो और उसकी न्यूनतम उम्र 18 वर्ष हो। वह पारंपरिक कारीगरी बढ़ई, दर्जी, टोकरी, बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, जूता आदि कारीगरी से जुड़ा हो।
'विश्वकर्मा श्रम सम्मान' योजना का शासनादेश बुधवार को जारी हो गया है। इससे छोटे कारीगरों को काफी लाभ होगा। जल्द ही इसके बारे में बैठक की जाएगी।
-योगेश कुमार, उपायुक्त, उद्योग