मुनिराज विहर्ष सागर बोले मोक्ष कल्याणक ही अंतिम कल्याणक
एमडी जैन इंटर कालेज में आयोजित मिजनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापनबैंड की धुन के साथ निकली रथयात्रा
आगरा, जागरण संवाददाता। चंदप्रभु दिगंबर जैन मंदिर की ओर से आयोजित छह दिवसीय मज्जिनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का विधिवत समापन हो गया। गुदड़ी मसूर खां के चंदप्रभु दिगंबर जैन मंदिर की ओर से एमडी जैन इंटर कालेज के मैदान में इसका आयोजन किया जा रहा था। गुरुवार को राष्ट्रसंत मुनिराज विहर्ष सागर महाराज और मुनि विजयेश सागर महाराज के सानिध्य में पंडित अजित शास्त्री ने मोक्ष कल्याणक के साथ इसका समापन किया। महोत्सव में सुबह से ही जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, शातिधारा, नित्यमह पूजन, दशभक्ति पाठ, मोक्ष गमन, निर्वाण कल्याणक पूजन, शाति यज्ञ एवं विसर्जन हुआ। मुनिराज विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि हम मोक्ष कल्याणक को अंतिम कल्याणक कहते हैं। यह हम त्रुटि करते हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रप्रभु की आत्मा के लिए मोक्ष गमन के साथ यह अंतिम पड़ाव हो, किन्तु तीर्थंकरत्व की यात्रा जो एक दर्शन को समग्र रूप देती है, अंतिम कहना विचारणीय है। उन्होंने कहा कि वास्तव में मोक्षगमन जैन दर्शन के चिंतन की चरमोत्कृष्ठ आस्था है, जो प्रत्येक हृदय में फलित होना चाहिए। समस्त कल्याणक महोत्सव का यह सरताज है। इसमें पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की कमेटी को भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद भगवान की रथयात्रा निकली। बैंड की ध्वनि के साथ भजन 'प्रभु रथ पर हुए सवार नाग रा बाजरा' पर थिरकते श्रद्धालुओं ने भक्ति की। यह रथयात्रा एमडी जैन इंटर कॉलेज से शुरू होकर घटिया आजम खा और पथवारी से होकर गुदड़ी मंसूर खा मंदिर पहुंची। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारकर जुलूस का स्वागत किया। यहां पर जिन मंदिर ध्वजारोहण, जिन मंदिर उद्घाटन हुआ। इसके बाद मंत्रोच्चारणों के बीच भगवान को वेदी पर विराजमान किया। इसके बाद कलश, चंवर, छत्र, जिनवाणी स्थापना, कलशारोहण हुआ। इसके बाद रात्रि में शास्त्र प्रवचन हुए। इस दौरान सुभाष जैन, जगदीश जैन, वीरेंद्र जैन, राकेश जैन, राजकुमार जैन राजू, सुदीप जैन, चौधरी सुशील जैन, चौधरी विमल जैन, विशाल जैन, चौधरी निर्मल जैन और समस्त जैन परिवार मौजूद रहा।