सिद्धचक्र महामंडल विधान के पहले दिन निकाली घट यात्रा

पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से निर्मल सदन पहुंची घट यात्रा विधान के साथ हो रहा पहला चातुर्मास मुनि वीर सागर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:14 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:14 PM (IST)
सिद्धचक्र महामंडल विधान के पहले दिन निकाली घट यात्रा
सिद्धचक्र महामंडल विधान के पहले दिन निकाली घट यात्रा

आगरा, जागरण संवाददाता। पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, छीपीटोला से गुरुवार को सिद्धचक्र महामंडल विधान की शुरुआत हुई। आचार्य विद्या सागर महाराज के शिष्य मुनि वीर सागर, मुनि विशाल सागर और मुनि धवल सागर के सानिध्य में भव्य घट यात्रा निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर का जयघोष किया।

घटयात्रा में श्रद्धालु श्रीजी को सिर पर विराजमान कर चल रहे थे। पानी की टंकी होते हुए घट यात्रा निर्मल सदन पहुंची, जहां सिद्धचक्र महामंडल विधान का ध्वजारोहण हुआ। मंडप शुद्धि, मंगलाष्टक पाठ के बाद पांडुक शिला पर श्रीजी को विराजमान किया गया। शांतिधारा के बाद इंद्र प्रतिष्ठा हुई। अनंतानंद सिद्ध परमेष्ठी की पूजा भावेश और राकेश जैन ने कराई। मुनि धवल सागर ने कहा कि सिद्ध परमेष्ठी का पूजा अनुष्ठान ऊर्जा प्रदान करने वाला है। संस्कृत में पहली बार आगरा में सिद्धचक्र महामंडल विधान की पूजा हो रही है। मुनि विशाल सागर ने कहा कि जिनेंद्र भगवान के पूजन से दीर्घायु प्राप्त होती है। पाप कर्म का नाश होता है। मुनि वीर सागर ने कहा कि यह पहला चातुर्मास है, जिसकी शुरुआत सिद्धचक्र महामंडल विधान से हुई है। सिद्धचक्र महामंडल विधान आपको कुछ देकर जाएगा, निर्विकल्प होकर पूजा करें। शाम को आरती हुई। दिलीप जैन, बीरो जैन, नरेश जैन, योगेश जैन, मनोज जैन, जयकुमार जैन, प्रवीन जैन, ज्ञानी जैन, प्रवेश जैन, सुभाष चंद, श्रीचंद जैन, संतोष जैन, रमेशचंद जैन आदि मौजूद रहे। आत्मा के विकार जीतने वालों की होती है जयकार

आगरा, जागरण संवाददाता। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, हरीपर्वत में गुरुवार को हुई धर्मसभा में मुनि प्रणम्य सागर ने कहा कि मंगलाचरण के कई रूप होते हैं। एक नमस्कार रूपी मंगलाचरण होता है, दूसरा आशीर्वाद रूपी और तीसरा जयकार रूपी। जयकार उन्हीं की होती है, जिन्होंने आत्मा के विकार जीते हों। मार्मिक काव्य पाठ से उन्होंने श्रद्धालुओं को झकझोरा और अंत में ध्यान का अभ्यास कराया। गुरुवार को सभा में दीप प्रज्वलन जयपुर से आए आइएएस आरसी जैन व उनकी पत्नी उषा जैन और शिखरचंद जैन ने किया। आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जैन, महामंत्री सुनील जैन ठेकेदार, राकेश जैन, प्रदीप जैन पीएनसी, जितेंद्र जैन, सुनील सिघई, अशोक जैन, पन्नालाल बैनाड़ा, हीरालाल बैनाड़ा, विमल जैन, मनोज जैन आदि मौजूद रहे। विचारों में उदारता आना आवश्यक: ज्ञानचंद्र महाराज

आगरा, जागरण संवाददाता। महावीर भवन, न्यू राजा की मंडी में गुरुवार को धर्मसभा में आचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने कहा कि अनशन तप से ही सिद्धि मिलेगी, ऐसी कोई बात नहीं है। अगर आप तप नहीं कर सकते हैं, तो भी चलेगा। एक बात ध्यान रखो कि खाओ भी और खिलाओ भी। यदि खाना है तो खिलाना भी सीख जाओ। इससे आपके अच्छे भाग्य का निर्माण होगा। हम अपने लिए जो खाना पसंद करते हैं, वही भाई-बहनो और नौकरों को भी खिलाइए। जैसा अन्न खिलाओगे, वैसा ही उनका मन आपके प्रति बनेगा। विचारों में उदारता आना आवश्यक है। खान-पान में भेदभाव रखने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता है।

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