सामान्य मरीज भी ICU में, बिल बढ़ाने को चल रहा आगरा के हॉस्पिटलों में बड़ा खेल

हॉस्पिटल में कमीशन के खेल से बढ़ रहा इलाज का खर्चा। आइसीयू में भर्ती किए जा रहे सामान्य बुखार और उल्टी दस्त के मरीज। चार से पांच दिन में 80 हजार से एक लाख रुपये तक का बिल।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 05 Sep 2020 08:21 AM (IST) Updated:Sat, 05 Sep 2020 08:21 AM (IST)
सामान्य मरीज भी ICU में, बिल बढ़ाने को चल रहा आगरा के हॉस्पिटलों में बड़ा खेल
सामान्य मरीज भी ICU में, बिल बढ़ाने को चल रहा आगरा के हॉस्पिटलों में बड़ा खेल

आगरा, जागरण संवाददाता। हॉस्पिटल में कमीशन का खेल चल रहा है। मरीज के अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टर, झोलाछाप, एंबुलेंस चालकों का कमीशन शुरू हो जाता है। ऐसे में हॉस्पिटल संचालक सामान्य मरीजों को गंभीर बताते हुए सघन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में भर्ती करा रहे हैं। दवाओं से लेकर अलग अलग डॉक्टर के विजिटि कराकर चार से पांच दिन में 80 हजार से एक लाख रुपये तक का बिल बना रहे हैं। अवैध हॉस्पिटलों सहित शहर के कुछ अस्पतालों में किसी माध्यम से मरीज पहुंचते हैं। इन्हें शहर और देहात के डॉक्टर, झोलाछाप और एंबुलेंस चालक अस्पतालों में भर्ती करा रहे हैं। इन सभी को हॉस्पिटल संचालकों द्वारा कमीशन दिया जा रहा है। यह कमीशन मरीजों के इलाज के बिल से निकाला जा रहा है, इससे इलाज का खर्चा बढ़ता जा रहा है। सीएमओ डॉ आरसी पांडे ने बताया कि कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों में चार्ज निर्धारित किए गए हैं। निजी अस्पतालों के ​अलग अलग चार्ज हैं, लेकिन सुविधाएं भी होनी चाहिए। इसकी जांच कराई जाएगी।

हॉस्पिटल चार्ज का नहीं लगा रहे बोर्ड, नहीं दे रहे बिल

निजी अस्पतालों में मरीजों से लिए जाने वाले चार्ज को बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। मगर, अधिकांश अस्पतालों में बोर्ड नहीं लगे हैं। मरीजों को हॉस्पिटल में लिए गए चार्ज का बिल भी नहीं दिया जा रहा है। मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने पर भी बिल नहीं मिल रहा है।

इस तरह बढ़ा रहे बिल

सामान्य बुखार से लेकर प्रसव के बाद मरीज और नवजात को आइसीयू में किया जा रहा भर्ती आइसीयू का चार्ज तीन से पांच हजार रुपये प्रतिदिन डॉक्टर की फीस 1000 रुपये से 1500 रुपये प्रति विजिट मरीज को देखने के लिए बुलाए जा रहे दो से तीन अलग अलग स्पेशलिटी के डॉक्टर, 10 से 15 हजार रुपये प्रतिदिन दवाओं का खर्चा अस्पताल में मरीज भेजने वालों को कमीशन 5 से 10 हजार, कुछ केस में पूरे बिल का 10 से 15 फीसद  एंबुलेंस चालक, झोलाछाप, क्लीनिक संचालकों को कमीशन दिया जा रहा है। 

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