विघ्नहर्ता से विघ्न हरने की आस
10 सितंबर को है गणेश चतुर्थी सज गईं प्रतिमाएं 100 रुपये से लेकर
आगरा,जागरण संवाददात। देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा यूं तो हर शुभ काम में सबसे पहले की जाती है, लेकिन गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। बाजार में भगवान गणेश की प्रतिमाओं के स्टाल सज गए हैं। 100 रुपये से लेकर आठ हजार रुपये तक की प्रतिमाएं हैं। पिछले वर्ष कोरोना काल में बिक्री को तरसे शिल्पियों ने विघ्नहर्ता से विघ्न हरने की आस लगा रखी है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार गणपति की प्रतिमाएं अच्छी संख्या में बिकेंगी।
कोरोना की वजह से पिछले वर्ष सार्वजनिक समारोहों की अनुमति नहीं होने से पंडाल नहीं सजे थे। मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लागू थी। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की गई थी। इसका असर गणेश जी की मूर्तियां बनाने वाले शिल्पियों पर भी पड़ा था। उनकी प्रतिमाएं बिना बिके रह गई थीं। इस बार माहौल बदला हुआ है। उप्र में कोरोना वायरस का संक्रमण थमा हुआ है। मंदिर भी खुले हुए हैं। नामनेर, सुल्तानगंज की पुलिया, आवास विकास कालोनी में सेंट्रल पार्क के नजदीक गणपति की प्रतिमाओं के स्टाल सज गए हैं। डेढ़ फुट से लेकर आठ फुट तक की प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। इनकी कीमत एक हजार रुपये से आठ हजार रुपये तक है। शहरवासी प्रतिमाएं पसंद कर बुकिग करा रहे हैं। पहले की अपेक्षा कम हैं बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर
शिल्पी दिनेश ने बताया कि पिछले वर्ष बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर नहीं मिले थे। छोटी प्रतिमाएं बनाई थीं, वो भी नहीं बिकी थीं। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा बड़ी प्रतिमाएं बनाने के कुछ आर्डर मिले हैं। विघ्नहर्ता हमारी विघ्न हरेंगे। वहीं, शिल्पी अंबालाल ने बताया कि पिछले वर्ष बड़ी प्रतिमाएं नहीं बिकी थीं। इस बार छोटी प्रतिमाएं ही बनाई हैं। उम्मीद है कि इस बार ग्राहक आएंगे और बिक्री होगी। करीब 40 लाख रुपये का है कारोबार
ताजनगरी में भगवान गणेश की प्रतिमाओं का कारोबार करीब 40 लाख रुपये का है। इसमें शिल्पियों से लेकर दुकानदार तक शामिल हैं। यहां बनीं मूर्तियां महाराष्ट्र समेत आसपास के शहरों में बिक्री के लिए जाती हैं।