Operation Pehchan App: एक क्लिक पर सामने होगा अपराधियों के गुनाहों का काला चिट्ठा, जानिए “पहचान” कैसे पहचानेगा

Operation Pehchan App फीरोजाबाद जिले के 15 हजार अपराधियों का डाटा खंगालने में जुटी पुलिस। आपरेशन पहचान एप पर आनलाइन होगा अपराधियों का पूरा ब्योरा। नहीं छुपा सकेंगे पहचान। गिरफ्त में आने के बाद अब अपराधी अपने गुनाहों को न तो छुपा सकेंगे।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 04:45 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 04:45 PM (IST)
Operation Pehchan App: एक क्लिक पर सामने होगा अपराधियों के गुनाहों का काला चिट्ठा, जानिए “पहचान” कैसे पहचानेगा
गिरफ्त में आने के बाद अब अपराधी अपने गुनाहों को न तो छुपा सकेंगे

आगरा, जेएनएन। फीरोजाबाद में अपराधों पर लगाम कसने के उद्देश्य से पुलिस विभाग हाईटेक तकनीकी का प्रयाेग कर रहा है। गिरफ्त में आने के बाद अब अपराधी अपने गुनाहों को न तो छुपा सकेंगे और न अधिकारियों को गुमराह करने में कामयाब हो सकेंगे। आपरेशन पहचान पर एक क्लिक करते ही उनके सारे गुनाहों का काला चिट्ठा सामने होगा।आपरेशन पहचान नाम से तैयार साफ्टवेयर और एप सभी बीट सिपाही, दारोगा, इंस्पेक्टर, सीओ, एसपी और एसएसपी सहित अन्य उच्चाधिकारियों के मोबाइल में डाउनलोड है। एप में अपहरण, हत्या, लूट, तस्करी, दुष्कर्म, चेन स्नेचिंग, डकैती, समेत विभिन्न अपराध की 15 श्रेणी दी गई हैं। अपराध में शामिल लोगों को उसी श्रेणी में रखा गया है।

जिले में अपराधी के पकड़े जाने पर पहचान एप पर उसका नाम-पता डालते ही उसके खिलाफ अन्य जिलों में दर्ज मुकदमों का ब्यौरा पुलिस के सामने होगा। वह कब जेल गया, कब जमानत पर छूटा सहित अन्य विवरण चंद सेकेंड में सामने होगा। जिले के 15 हजार से अधिक आरोपितों का डाटा फीड किया जा रहा है। इनकी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। पुलिस अपराधियों के घर दस्तक देकर उनका नवीनतम फोटो सहित, स्वजन और रिश्तेदारों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

बेवजह परेशान नहीं करेगी पुलिस

एप से पेशेवर अपराधियों और निष्क्रिय अभियुक्तों में अंतर करने में आसानी होगी। बीट सिपाही को यह जानकारी फीड करनी होगी कि अपराधी वर्तमान में क्या कर रहा है। यदि कोई रिहा होने के बाद कई साल से अपना काम कर रहा है तो पुलिस उसे बेवजह परेशान नहीं करेगी।

एप में ऐसे अपराधियों का डाटा डाउनलोड किया जा रहा है जो अपहरण, हत्या, लूट, डकैती, चोरी, शराब तस्करी, वाहन चोरी, नकबजनी समेत अन्य मुकदमों में नामजद हैं। आनलाइन डाटा होने के बाद अपराधी न तो गुमराह कर पाएंगे और न अपनी पहचान छुपा सकेंगे।

-अशोक कुमार शुक्ला, एसएसपी 

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