Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि में प्रवेश के लिए छात्र को जमा कराना होगा टीकाकरण प्रमाणपत्र
Ambedkar University Agra प्रवेश समिति की बैठक में लिया गया फैसला 26 जून से शुरू हो रही है प्रवेश प्रक्रिया। 25 अगस्त तक चलेगी प्रक्रिया संस्थागत से व्यक्तिगत परीक्षार्थी बनने की मिल सकेगी अनुमति। प्रथम सेमेस्टव व वर्ष में प्रवेश के समय ही नामांकन और डिग्री शुल्क ले लिया जाएगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के इच्छुक हर छात्र को वेब पंजीकरण के समय टीकाकरण का प्रमाणपत्र जमा कराना होगा। यह फैसला गुरुवार को बृहस्पति भवन में आयोजित प्रवेश समिति की बैठक में लिया गया। नए सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया 26 जून से शुरू होकर 25 अगस्त तक चलेगी, इसमें शासन के आदेशों के अनुपालन में बदलाव संभव है।
बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने की। तय किया गया कि प्रवेश की पूरी प्रक्रिया पिछले वर्ष की तरह ही संचालित की जाएगी। प्रवेश के लिए छात्रों को सबसे पहले वेब पंजीकरण कराना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में स्नातक कक्षाओं में सेमेस्टर/प्रथम वर्ष में छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा और इस संबंध में समय-समय पर प्राप्त होने वाले शासन के आदेशों को प्रवेश प्रक्रिया में समावेशित कर लिया जाएगा। विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कालेजों के प्राचार्यों, प्रवेश प्रभारी व कंप्यूटर आपरेटरों के साथ एक बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार उनकी जानकारी को अपडेट किया जाएगा। प्रथम सेमेस्टव व वर्ष में प्रवेश के समय ही छात्रों के नामांकन और डिग्री शुल्क ले लिया जाएगा।
नए सत्र में नए नियम
बैठक में फैसला लिया गया है कि यदि किन्हीं अपरिहार्य कारणों से छात्र स्वयं को संस्थागत से व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में स्थानांतरित करना चाहता है तो प्राचार्य की संस्तुति पर विश्वविद्यालय इसकी अनुमति दे देगा। इसके लिए यह अनिवार्य होगा कि छात्र के पास प्रायोगिक विषय नहीं होने चाहिए। एक पाठ्यक्रम से दूसरे पाठ्यक्रम में प्रवेश समायोजित होने की स्थिति में उसका 90 फीसद शुल्क वापस कर दिया जाएगा।
यह रहे उपस्थित
कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र, वित्त अधिकारी एके सिंह, प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल वर्मा, सह समन्वयक प्रो. मनु प्रताप सिंह, प्रो. मनोज श्रीवास्तव, प्रो.अचला गक्खड़, डा. प्रीति जौहरी, डा. निर्मला यादव और डा. अनुराधा गुप्ता।