Memories of Milkha Singh: अब तो बस स्मृति शेष, ताज मेराथन में आगरा आए थे उड़न सिख मिल्खा सिंह
वर्ष 2016 में ताज महोत्सव के रजत जयंती वर्ष में हुआ था ताज हाफ मेराथन का आयोजन। सिकंदरा पर फ्लैग दिखाकर की थी मेराथन की शुरुआत स्टेडियम में खिलाड़ियों में भरा था जोश। इसके लिए 25 हजार से अधिक धावकों ने पंजीकरण कराया था।
आगरा, जागरण संवाददाता। उड़न सिख के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध पद्मश्री एथलीट मिल्खा सिंह का निधन शुक्रवार रात हो गया। मिल्खा सिंह से ताजनगरी की यादें भी जुड़ी हुई हैं। वो यहां वर्ष 2016 में हुई ताज हाफ मेराथन में आए थे। ताज महोत्सव के रजत जयंती वर्ष में हुई मेराथन का उन्होंने फ्लैग दिखाकर शुभारंभ किया था। वहीं, एकलव्य स्टेडियम में खिलाड़ियों में उन्होंने जोश भरा था।
वर्ष 2016 में ताज महोत्सव का रजत जयंती समारोह मनाया गया था। इसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अलावा खेलों को भी जोड़ा गया था। 14 फरवरी की सुबह आगरा में ताज हाफ मेराथन का आयोजन हुआ था। इसके लिए 25 हजार से अधिक धावकों ने पंजीकरण कराया था। हाफ मेराथन में मुख्य अतिथि के रूप में आगरा आए मिल्खा सिंह ने अकबर के मकबरे सिकंदरा की पार्किंग के बाहर बनाए गए मंच से हाफ मेराथन की शुरुआत फ्लैग दिखाकर की थी। हाफ मेराथन एकलव्य स्टेडियम पहुंचकर संपन्न हुई थी। यहां खिलाड़ियों में मिल्खा सिंह ने जोश भरा था।
आगरा में यह कहा था मिल्खा सिंह ने
आगरा में मिल्खा सिंह ने मीडिया से वार्ता में कहा था कि ओलंपिक में अगर एथलेटिक्स में पदक चाहिए तो चार से आठ वर्ष की योजना बनाकर तैयारी करनी होगी। देशभर में स्पोर्ट्स एकेडमी खोलनी होंगी। योग्य कोचों की तैनाती के साथ खिलाड़ियों को सुविधाएं और चीन के समान बचपन से तैयारी करानी होगी। उन्होंने अपनी अंतिम ख्वाहिश ओलंपिक में देश के किसी खिलाड़ी द्वारा एथलेटिक्स में मेडल जीतने को बताया था। खिलाड़ियों के जीवन पर बनने वाली बायोपिक से उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलने की बात कही थी। वहीं, इंडियन आेलंपिक एसोसिएशन के ढंग से काम नहीं करने पर सवाल भी उठाए थे।