बाढ़ पीड़ितों के जख्म पर सहायता का मरहम जल्द
एसडीएम बाह ने जिला प्रशासन को भेजा पत्र 63 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग जुलाई-अगस्त में चंबल नदी से सटे गांवों में बाढ़ ने मचाई थी जबरदस्त तबाही
जागरण टीम, आगरा। हर साल तबाही झेलने वाले चंबल नदी से सटे गांवों के लोगों को जल्द आर्थिक सहायता का मरहम मिलने वाला है। दो माह बाद बाह तहसील प्रशासन ने बाढ़ की चपेट में आकर हुए नुकसान का आकलन कर जिला प्रशासन को पत्र लिखकर आर्थिक मदद देने की मांग की है। पत्र में जिला प्रशासन से कुल 63 लाख रुपये की मांग की गई है। इस पत्र के बाद तटवर्ती ग्रामीणों को मुआवजे की उम्मीद बढ़ गई है।
हर साल की तरह इस बार जुलाई-अगस्त में चंबल नदी की बाढ़ ने बाह तहसील के 24 गांवों में जबरदस्त तबाही मचाई थी। 12 गांवों का तहसील मुख्यालय से 10 दिन तक संपर्क कटा रहा। तटवर्ती गांवों के लोगों ने ऊंचे स्थानों पर कई दिन तक शरण ली थी। बाढ़ में ग्रामीणों का भारी नुकसान हुआ था। उनके घर व झोपड़ियां पानी में डूब गई थीं। पशुओं के चारे तक का संकट था। भूसा बाढ़ में बह गया। तब स्थानीय प्रशासन के साथ कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने मदद की। घर लौटने पर ग्रामीणों को दोबारा जिदगी पटरी पर लाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वे तहसील प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाते रहे। अधिकारियों ने सर्वे कराकर नुकसान का आकलन किया और अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी। एसडीएम अब्दुल बासित ने बताया कि जिला प्रशासन को भेजे पत्र में 63 लाख रुपये की मांग की गई है। लखनऊ से स्वीकृति मिलते ही प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा।
बाढ़ में प्रभावित हुए 1666 ग्रामीण
तहसील प्रशासन की रिपोर्ट में लिखा है कि बाढ़ की चपेट में आकर 1666 लोगों की फसल को काफी नुकसान हुआ। इसके लिए 51 लाख और मकान व झोपड़ियों को हुए नुकसान का 12 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। ये हैं सर्वाधिक प्रभावित गांव
गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, क्यौरी बीच का पुरा, पुरा भगवान, उटसाना, रेहा बरैंडा, शिवलाल पुरा, झरनापुरा, धांधूपुरा सर्वाधिक प्रभावित गांवों की श्रेणी में हैं।