पिनाहट में चंबल नदी पर बना पैंटून पुल बहा

बहाव तेज होने पर हुआ हादसा पुल पर सो रहे थे स्थानीय ठेकेदार के कर्मचारी स्टीमर से एक किलोमीटर पीछा कर पकड़े गए रस्से तब नदी किनारे बांधा गया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:00 AM (IST)
पिनाहट में चंबल नदी पर बना पैंटून पुल बहा
पिनाहट में चंबल नदी पर बना पैंटून पुल बहा

जागरण टीम, आगरा। तेज बहाव के साथ ही चंबल नदी पर बना पैंटून पुल शनिवार रात को बह गया। पुल पर सो रहे ठेकेदार के कर्मचारियों ने स्टीमर के माध्यम से एक किलोमीटर दूर जाकर उसके रस्से पकड़े। इसके बाद पुल को फिर से किनारों पर बांधा जा सका। हालांकि नदी के उफान के चलते फिलहाल पैंटून पुल बंद है।

चंबल नदी मध्यप्रदेश और पिनाहट की सीमा को जोड़ती है। यहां पिनाहट घाट पर बना पुल मध्यप्रदेश के उसैत घाट तक जाता है। इसका ठेका पटियाली, कासगंज की किरन देवी के नाम है। उन्होंने इसका काम स्थानीय चंदू वर्मा को देख रखा है। शनिवार रात स्थानीय ठेकेदार के कर्मचारी पैंटून पुल पर सो रहे थे। इसी बीच बहाव बढ़ने पर अचानक मध्यप्रदेश की तरफ से पुल की रस्सी टूट गई और पुल तेज बहाव में बहने लगा। यह देख कर्मचारियों में खलबली मच गई। आननफानन में स्टीमर को बुलाकर पीछा कर पुल के रस्सों को पकड़कर पुन: नदी किनारे बांधा गया। चंबल नदी में बारिश का पानी आने से जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। बैराज से पानी छोड़ने की कोई सूचना नहीं दी गई है। पैंटून पुल बहने में ठेकेदार की लापरवाही है। राजस्व टीमों को तटवर्ती गांवों के लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए हैं।

अब्दुल बासित, एसडीएम बाह नदी का जलस्तर 122 मीटर पर पहुंचा

28 जुलाई को 122 मीटर का आंकड़ा छू चुकी चंबल नदी का जलस्तर लगातार गिर रहा था। शनिवार की रात को जलस्तर 116 था। अचानक इसका बहाव तेज हो गया। रविवार दोपहर बाद नदी का जलस्तर 122 मीटर दर्ज किया गया। अचानक नदी में बढ़े पानी का कारण मध्यप्रदेश, राजस्थान में हुई मूसलाधार बारिश को बताया जा रहा है। फिलहाल नदी खतरे के निशान (132 मीटर) से काफी दूर है। राजस्व टीमे लापता

चंबल नदी मे भारी उफान चल रहा है लेकिन राजस्व टीमों का अता-पता नहीं है। रविवार दोपहर बाद नदी का जलस्तर 122 मीटर पर पहुंच गया लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की कोई टीम यहां मौका मुआयना करने पहुंची और न ही राजस्व टीम के कर्मचारी दिखे। हालांकि जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें फिर से नदी में बाढ़ का खतरा सता रहा है। स्टीमर संचालन बंद, घाटों पर लगी भीड़

रविवार को नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने पर स्टीमर का संचालन बंद कर दिया गया। इससे पिनाहट से मध्यप्रदेश आने व जाने वालों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा। उन्हें लगभग 100 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ा। वहीं दिन भर नदी के दोनों तरफ घाटों पर भीड़ लगी रही।

chat bot
आपका साथी