सैंया में सवारियों से भरी प्राइवेट बस में आग

यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर बचाई जान मची रही चीखपुकार सभी यात्री सुरक्षित आंखों के सामने ही जल गया सामान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:05 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:05 AM (IST)
सैंया में सवारियों से भरी प्राइवेट बस में आग
सैंया में सवारियों से भरी प्राइवेट बस में आग

जागरण टीम, आगरा। लपटों से घिरी सवारियों से भरी बस। जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूदकर भागते यात्री और महिलाओं व बच्चों की चीखपुकार। दिल दहला देने वाला यह दृश्य शुक्रवार शाम को सैंया चौराहे पर उस वक्त का है, जब प्राइवेट बस देखते ही देखते आग का गोला बन गई। यात्रियों ने किसी तरह अपनी जान तो बचा ली लेकिन उनकी मेहनत की कमाई आंखों के सामने ही जलकर राख हो गई। किसी के कपड़े जल गए तो किसी के बैग में रखे रुपये। सपने खाक होते देख कई यात्रियों की आंखें भीग गई। हालांकि इस हादसे में सभी यात्री सुरक्षित रहे।

यह हादसा शुक्रवार शाम 6:30 बजे आगरा-ग्वालियर हाईवे स्थित सैंया चौराहा पर हुआ। सुबह 10 बजे स्लीपर बस दिल्ली के सराय काले खा से 35 यात्रियों को लेकर ग्वालियर जा रही थी। सैंया चौराहे स्थित ओवरब्रिज के नीचे पहुंचते ही अचानक बस का पिछला टायर जोरदार आवाज के साथ फटा। रिम की रगड़ से चिंगारी निकली और बस ने आग पकड़ ली। बस में धुंआ भरते ही सवारियों में भगदड़ मच गई। चालक-परिचालक कूदकर भाग निकले। यात्री भी जान बचाने के लिए बस की खिड़कियों से कूदने लगे। इस आपाधापी मे उनका सामान बस में ही छूट गया। फायरब्रिगेड को सूचना दी गई। उसे आने में वक्त लग रहा था। ऐसे में पुलिस ने नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के टैंकर बुला लिए। बस के डीजल टैंक पर ओवरब्रिज के ऊपर से पानी गिराया जाता रहा। आधा घंटे बाद फायरब्रिगेड पहुंची तब आग पर काबू पाया गया। लपटों में खुद को घिरा देख दहल गए यात्री

खुद को लपटों में घिरा देख यात्री दहल गए। बस में सवार ललितपुर निवासी रामअवतार ने बताया कि सराय काले खा से ग्वालियर जाने के लिए वे पत्‍‌नी आरती के साथ बस में बैठे था। बस में आग लगते ही उनका बैग वहीं छूट गया। बैग में कपड़े व रुपये थे, वे जल गए। रामअवतार लालपुर, दिल्ली में अपना व्यवसाय करते हैं। झासी निवासी रामदेवी ने बताया कि आग में उनके कपड़े और 10 हजार रुपये जल गए। भड़ावरा, मध्यप्रदेश निवासी मंत्री दिल्ली में एक कंपनी में मजदूरी करते हैं। उनके बैग में रखा सामान, बच्चों के खिलौने और मिठाई भी जल गई। मंत्री ने बताया कि कई महीने बाद घर जा रहे थे। सोचा, बच्चों के लिए कुछ लेता चलूं लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। बैग में रखे पांच हजार रुपये भी जल गए। आंखों के आगे नाची मौत

ग्वालयिर निवासी 75 वर्षीय सीता देवी को झपकी लगी ही थी कि यात्री चीखने लगे। उन्होंने आंखें खोलीं तो बस में धुआं भरा था। यह देख उनके हाथ-पैर कांपने लगे। खिड़कियों और मुख्य गेट पर कूदने वालों की भीड़ थी। वे कहती हैं कि, लगा कि अब नहीं बचूंगी लेकिन तभी दौड़कर आए एक युवक ने झटके से उठाया और तेजी से खींचकर बस से नीचे उतार लाया। सीता देवी उस शख्स का धन्यवाद देते नहीं थक रही थीं। तेज धमाकों से कांप गया कलेजा

आग लगने के बाद बस को रोककर चालक और परिचालक भाग चुके थे। चौराहे पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने ट्रैफिक रोक दिया। सवारियों के उतरने के कुछ ही देर बाद बस के सभी टायर जोरदार धमाकों के साथ फटने लगे। यह दृश्य देखने वालों का कलेजा कांप गया। धमाकों की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी।

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