शिक्षक सम्मान पर उठी उंगलियां

प्रधानाचार्य परिषद ने लगाया साठगांठ व मिली-भगत का आरोप राजकीय शिक्षक संघ का आवेदन करने वाले शिक्षक की अनदेखी का आरोप

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 08:38 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 08:38 PM (IST)
शिक्षक सम्मान पर उठी उंगलियां
शिक्षक सम्मान पर उठी उंगलियां

आगरा,जागरण संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक दिवस पर किए गए शिक्षक सम्मान पर उंगलियां उठ रही हैं। सोमवार को राजकीय शिक्षक संघ और प्रधानाचार्य परिषद ने आपत्ति जताते हुए मिली भगत से मनचाहे शिक्षकों को सम्मानित करने का आरोप लगाया है।

प्रधानाचार्य परिषद ने राजामंडी स्थित महाराजा सूरजमल इंटर कालेज में बैठक की। जिलाध्यक्ष डा. रक्षपाल त्यागी और महामंत्री डा. रामऔतार का कहना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में विभागीय कर्मचारियों की मिली-भगत से उन प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया, जो असामाजिक मानसिकता से ग्रसित हैं। ऐसा ग्रुप विशेष के दबाव व भय से किया गया। वह सम्मानित हुए, जो ना विभाग द्वारा अनुमोदित थे और न योग्य। निष्ठावान, परिश्रमी, लगनशील व ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करने वाले शिक्षक अपमानित हुए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने मिलने भी मना कर दिया। संगठन ने दलाली करने वाले, दुष्कर्मों के लिए मशहूर व कथित पदाधिकारियों से सांठगांठ का आरोप भी लगाया। संगठन विरोध में विभागीय अधिकारियों व शासन-प्रशासन को लिखित शिकायत करेगा। बैठक में डा. यतेंद्र पाल सिंह, डा. रचना शर्मा, डा. रूपेश कुमार, डा. गिर्राज सिंह, नारायण सिंह सिकरवार, सत्यप्रकाश, डा. प्रवीन सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, सत्य प्रकाश शर्मा आदि मौजूद रहे।

राजकीय शिक्षक संघ भी नाराज

राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विशंभर दयाल पाराशर का कहना है कि इसमें अपात्र शिक्षकों को सम्मान रेबड़ी की तरह बांटा गया, जबकि पात्र शिक्षक मुंह ताकते रहे। जीआइसी शाहगंज से तीन शिक्षकों ने बाकायदा आवेदन किया, यहां के चार शिक्षक सम्मानित हुए, लेकिन आवेदन करने वाले एक शिक्षक भी का नाम तक सूची में नहीं था। ऐसे में उन शिक्षकों का सम्मान हुआ, जिसने न आवेदन किया था, न वह अहर्ता रखते थे।

आपत्तियों पर वापस लेंगे सम्मान

जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार का कहना है कि तीन सितंबर को आयोजन कराने के निर्देश मिले, अल्प समय व सीमित संसाधनों में आपराधिक व्यक्तियों से बचते हुए आयोजन किया गया। पात्रों की सूची तीन अधिकारियों ने मिलकर फाइनल की। फिर भी जानकारी के अभाव में यदि किसी अपात्र या गलत व्यक्ति को सम्मान मिल गया है, तो साक्ष्यों सहित आपत्ति करें। जांच के बाद सम्मान वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी।

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