अंखफोड़वा कांड की फाइल गायब, जानिए कहां हुई लापरवाही

जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचनाओं में हुआ खुलासा। मथुरा में 2015 में लगा था नेत्र चिकित्‍सा शिविर।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 01:38 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 01:38 PM (IST)
अंखफोड़वा कांड की फाइल गायब, जानिए कहां हुई लापरवाही
अंखफोड़वा कांड की फाइल गायब, जानिए कहां हुई लापरवाही

आगरा, जेएनएन। जिस अंखफोड़वा कांड में आठ गरीब लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी, उसकी पत्रावली ही सीएमओ कार्यालय से गायब है। ऐसे में न्याय की उम्मीद लगाए बैठे गरीबों के परिजन हताश है। पूरे मामले का खुलासा जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचनाओं से हुआ है।

वृंदावन के कैलाश नगर निवासी हरीश शर्मा ने जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से छह बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थी। जो सवाल थे वो जनवरी 2015 में हुए अंखफोड़वा कांड से जुड़े़ है। इसमें पूछा गया था कि जिस नेत्र परीक्षण शिविर में लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवाई वो किस संस्था ने आयोजित किए। किसी नेत्र परीक्षण अधिकारी की संलिप्ता उजागर हुई, विभागीय जांच की जानकारी मांगी गई।

आरटीआई कार्यकर्ता के सवालों पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक अंधता निवारण ने जो जानकारी उपलब्ध कराई वो न केवल आधी अधूरी है बल्कि गैर जिम्मेदाराना भी है। इसमें कहा गया है कि आॅपरेशन के पश्चात अंधे होेने की संलिप्तता के आरोपी संबधी किसी भी नेत्र परीक्षण अधिकारी के सबंध में अभिलेखीय सूचना कार्यालय पत्रावलियों में संकलित नहीं है। इस पर हरीश शर्मा ने आयोग में अपील दायर की। इसी मामले में सुनवाई के लिए जनसूचना अधिकारी को तलब किया गया है।

ये था पूरा मामला, स्वास्थ्य विभाग हो गया संवेदनहीन

बांकेबिहारी कल्याणं करोति संस्था द्वारा आयोजित नेत्र परीक्षण शिविर में किए गए आॅपरेशन के बाद आठ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। ये घटना जनवरी 2015 की है। इसके बाद विभागीय स्तर पर कई तरह की जांचों के साथ ही विभाग के आला अधिकारीयों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के दावे तो किए लेकिन ये दावे महज हवा हवाई साबित हुए। पीड़ितों के परिजनों की अब न्याय की आस भी टूट गई है। 

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