Indian Army: भारतीय सेना के जांबाज अब पानी में भी कर सकेंगे दुश्मन पर वार, बन रहा है ऐसा पैराशूट
आगरा का हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) उन्नत श्रेणी का पैराशूट विकसित कर रहा है। चलते हुए पानी के जहाज में आसानी से उतर सकेंगे वायु सैनिक। यह ऐसे पैराशूट हैं जिसमें सेंसर सहित अन्य उपकरण रहेंंगे।
आगरा, अमित दीक्षित। यह नया भारत है, जिसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। दुश्मनों को उनके घर में घुस कर मारता है। भारतीय सेना के जाबांज विषम परिस्थितियों में भी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकें, इसके लिए आधुनिक हथियारों और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। नई कड़ी में आगरा का हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) उन्नत श्रेणी का पैराशूट विकसित कर रहा है। जिसकी मदद से भारतीय सैनिकों को जमीन हो या फिर पानी, कहीं पर भी उतरा जा सकता है। खासकर चलते हुए पानी के जहाज में उतरने में अब दिक्कत नहीं होगी।
एडीआरडीई ने कई तरीके के पैराशूट विकसित किए हैं। इसमें लड़ाकू और मालवाहक विमानों के ब्रेक पैराशूट शामिल हैं। एडीआरडीई अब गगनयान के लिए पैराशूट तैयार कर रहा है। इसके लिए लगातार ट्रायल हो रहे हैं। इन सब के बीच एडीआरडीई द्वारा 15 किग्रा के उन्नत श्रेणी के पैराशूट बनाए जा रहे हैं। यह ऐसे पैराशूट हैं जिसमें सेंसर सहित अन्य उपकरण रहेंंगे। इसकी मदद से जवान निर्धारित स्थल पर आसानी से उतर सकेंगे। पैराशूट की खासियत यह होगी कि पानी में भीगने के बाद यह खराब नहीं होंगे। पैराशूट को जल्द पैक करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। पैराशूट में खास किस्म का मैटेरियल प्रयोग होगा। यह पूरा स्वदेशी होगा।
पीटीएस है खास, दी जाती है विशेष ट्रेनिंग
आगरा एयरफोर्स स्टेशन में पैरा ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) है। पीटीएस में वायुसेना और सेना के जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। बेसिक कोर्स से इसकी शुरुआत होती है। इसमें 15 दिनों के भीतर पांच छलांग लगानी होती हैं। चार छलांग दिन और एक रात में होती है। मलपुरा ड्रापिंग जोन में हर साल 45 हजार के आसपास छलांग होती हैं।