Fight Against CoronaVirus: कोरोना की हर लहर से लड़ने के लिए इन तीन योगासनों से करें Immunity Boost
Fight Against CoronaVirus रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में शीर्षासन भुजंगासन और धनुरासन काफी कारगर साबित होता है। तीन प्रमुख योगासन रोग प्रतिरोगध क्षमता जल्द से जल्द बढ़ाने में कारगार साबित होंगे। कुछ सेकेंड्स के योगासन से बढ़ सकती है रोग प्रतिरोधक क्षमता।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है। वैज्ञानिक संभावना जता रहे हैं कि संक्रमण की तीसरी लहर भी इसी वर्ष आ जाएगी। कोरोना वायरस संभलने का मौका नहीं देता। जरा सी चूक और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता इसका शिकार आसानी से बना देते हैं। एेसे में जरूरी है कि तत्कार प्रभाव से अपनी दिनचर्या में हम बदलाव कर लें। यदि अब तक योग और पौष्टिक आहार लेना शुरू नहीं किया है तो ये आपके लिए खतरे की घंटी हो सकता है। योग गुरू अनीता यादव के अनुसार पौष्टिक आहार और पर्याप्त नींद के साथ तीन प्रमुख योगासन रोग प्रतिरोगध क्षमता जल्द से जल्द बढ़ाने में कारगार साबित होंगे।
भुजंगासन
भुजंगासन में आपकी शरीर का आकार फन किए सांप जैसे होता है, ऐसे में ये आसन सर्पासन भी कहलाता है। गौरतलब है कि भुजंगासन, सूर्य नमस्कार का एक अनिवार्य हिस्सा भी है। इसे करने के लिए आप पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और फिर गहरी सांस लेते हुए कमर से उपर का हिस्सा हथेलियों के सहारे उपर उठाएं। ऐसे में आपकी हथेलियां और कुहनी एक सीध में होनी चाहिए, इस पोज में सामने की ओर देखते हुए कुछ सेकेंड्स के लिए रूके और फिर सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य अवस्था में आए। ऐसा आप हर रोज नियमित रूप से करते हैं, तो इससे रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत
होती है।
शीर्षासन
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में शीर्षासन काफी कारगर साबित होता है, हालांकि इसे करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आप इसे पहली बार ट्राय कर रहे हैं, तो किसी कुशल योगा ट्रेनर के निर्देश में ही ट्राय करें। इसे करने के लिए आप सबस पहले किसी समतल स्थान पर घुटनों के बल बैठ जाएं। फिर सिर आगे की ओर झुकाकर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें। इसके बाद दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़, उसके बीच अपना सिर रख शरीर का पूरा वजन ऊपर की उठाना शुरू करें और फिर पूरे शरीर का भार सिर, कंधों और हथेलियों पर ले कर उसी अवस्था में कुछ देर तक बने रहे। ऐसा करने से आपके मस्तिष्क के साथ ही पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
धनुरासन
इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर लेट जाएं और फिर अपने दाएं हाथ से दाएं पैर के टखने को और बाएं हाथ से बाएं पैर के टखने को पकडें। फिर गहरी सासं लेते हुए आगे से छाती और कंधों को तथा पीछे से दोनों पैरों और जांघों को ऊपर खींचे, साथ ही चेहरा सामने की ओर रखें। ऐसा किए हुए कुछ देर तक स्थिर रहे, इसकी शुरूआत आप एक मिनट से कर 3 से 5 मिनट तक इस अवस्था में रहें। इस आसन को करने से पेट, सीना और उदर मजबूत होता है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।