Teachers Recruitment: बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति फर्जीवाड़े में STF की कार्रवाई से आगरा में भी खौफ
एसटीएफ कर रही है प्रदेशभर में फर्जीवाड़े की जांच व गिरफ्तारी। जांच की आंच जिले में आने की आशंका से कई शिक्षक हलकान। आगरा के कई मामलों में चल रही है जांच। शिक्षक लगा रहे हैं कार्यालय के चक्कर।
आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में फर्जी प्रमाण-पत्रों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की धरपकड़ में यूपी एसटीएफ लगातार जुटी है। यह कार्रवाई लखनऊ में पकड़े गए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के लिपिक की निशानदेही पर की जा रही है। इस कार्रवाई ने जिले के कुछ शिक्षकों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। वह रोजाना विभाग में पहुंचकर अपने सूत्रों की नब्ज टटोलकर जांच की टोह ले रहे हैं। स्थिति यह है कि विभाग में शिक्षकों की आवाजाही एकदम से बढ़ गई है। वह जानकारी जुटाने के लिए अपने भरोसेमंद बाबुओं से संपर्क कर रहे हैं। बता दें कि फर्जी प्रमाण-पत्रों से प्रदेशभर में नौकरी पाने वाले शिक्षकों को एसटीएफ चिह्नित कर पकड़ने में जुटी है। संभावना है कि कार्रवाई में प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 100 से ज्यादा शिक्षकों पर कानूनी शिकंजा कसेगा।
पहले से चल रही हैं दो जांच
प्रभारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ब्रजराज सिंह ने बताया कि शासन फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों पर गंभीर है। जिले में पिछले 10 से 11 साल में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति व उनकी सत्यापन रिपोर्ट तलब की गई है। फर्जीवाड़ा मामले में दो जांच पहले ही चल रही है।
इसलिए है संदेह
आगरा फर्जीवाड़े के मामले में काफी विवादित रहा है, क्योंकि यहां के काॅकस ने फर्जी शिक्षकों को प्रदेशभर में तैनाती दिलाई। सिकंदरा क्षेत्र निवासी देवरिया में तैनात शिक्षक हो या वर्ष 2011 में यूपी टीईटी फर्जीवाड़े में पकड़े गए तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन के साथ बाह तहसील में कार्यरत शिक्षक या फिर तत्कालीन डीआइजी लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में हुई बीएड फर्जीवाड़े की जांच में मैनपुरी के डिग्री कालेज प्राचार्य के साथ सांठ-गांठ में पकड़ा गया खंदौली का शिक्षक व कालेज संचालक का भाई, जो वर्तमान में मथुरा में तैनात है। यह मामले भले ही ठंडे पड़ गए हों, लेकिन सभी मामले अब भी विचाराधीन हैं। यही कारण है जांच की आंच जल्द ही आगरा पहुंचने की संभावना बढ़ गई है।