Family Counselling: बेटे की स्कूल फीस नहीं भरी तो आगरा में थाने तक पहुंच गया मामला, कांउसलर ने कराई सुलह
परिवार परामर्श केंद्र में तीन जोड़ों के बीच हुई सुलह। पति का कहना था कि कोरोना काल में कारोबार में मंदी है। घर का खर्च भी किसी तरह चल रहा है। इसलिए वह बेटे की फीस जमा नहीं कर सका। आपसी विवाद को लेकर काउंसिलिंग को पहुंचे थे दस जोड़े।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण काल में बेटे के स्कूल की फीस जमा नहीं करने पाने का विवाद थाने तक पहुंच गया। रविवार को परामर्श केंद्र काउंसिलिंग को पहुंचे पति-पत्नी के बीच रार हुई। मगर, काउंसलर के समझाने पर पत्नी ने पति के सामने कई शर्त रख दीं। पति द्वारा सारी शर्तें मानने पर उनमें सुलह हो सकी। रविवार को काउंसलर ने तीन जाेड़ों में सुलह कराई।
जगदीशपुरा के रहने वाले दंपती ने काउंसलर को बताया कि उनकी शादी को सात साल हो चुके हैं। उनके एक बेटा है। पति का फर्नीचर का काम है। पत्नी ने बताया कि कोरोना के चलते बेटे की आनलाइन पढाई चल रही है। पति ने एक महीने की फीस नहीं भरी। पति से कहा तो उसने फीस जमा नहीं की। इससे बेटे का साल बर्बाद हो जाएगा। उसने आरोप लगाया कि पति सम्मान नहीं देता। कुछ कहो तो मारपीट कर देता है। वहीं, पति का कहना था कि कोरोना काल में कारोबार में मंदी है। घर का खर्च भी किसी तरह चल रहा है।
जिसके चलते वह बेटे की फीस जमा नहीं कर सका। पति का कहना था कि उसे फीस जमा करने के लिए कुछ समय चाहिए। पति ने यह भी वादा किया कि वह पत्नी की सभी शर्त मानेगा। उसके आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचाएगा। इसके बाद वह घर लौटने को तैयार हुई। परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया काउंसिलिंग के दस जोड़े आए थे। इनमें तीन जोड़ों में सुलह कराई गई। बाकी को अगली तारीख पर बुलाया गया है।