चश्मदीद गवाहों के मुकरने पर आगरा में अवैध बालू खनन के आरोपित पिता-पुत्र बरी
तहसीलदार के हाथ की तोड़ दी थी हड्डी। मुख्य गवाह जीप चालक व होमगार्ड के मुकरने पर अदालत ने साक्ष्य के अभाव में किया बरी। मुकदमे के वादी तहसीलदार द्वारा घटना की वीडियाे व फोटो अपने मोबाइल से बनाने के बाद भी उसे अदालत में प्रस्तुत नहीं किया।
आगरा, जागरण संवादाता। बाह में पांच साल पहले तहसीलदार पर हमले के आरोपित पिता-पुत्र को चश्मदीद गवाहों के मुकरने पर अदालत ने बरी कर दिया। आरोपित ने अवैध बालू खनन रोकने गए तहसीलदार के हाथ की हड्डी तोड़ दी थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दोनों चश्मदीद गवाह अपने पूर्व बयान से मुकर गए।
घटना 19 मई 2019 की है। तहसीलदार गजेंद्र सिंह को विक्रमपुर के पास यमुना नदी से बालू का अवैध खनन होने की जानकारी मिली थी। वह जीप चालक वृंदावन व होमगार्ड पूरन सिंह को लेकर मौके पर पहुंचे। बालू लेकर तीन ट्रैक्टर रोकने का प्रयास किया। दो चालक ट्रैक्टर समेत चकमा देकर भाग गए। एक ने तहसीलदार की जीप पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया, जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गया था। पूरन सिंह और वृंदावन ने ट्रैक्टर चालक कल्ला पुत्र लायक सिंह को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह भाग गया। उसके धक्का देने पर तहसीलदार के हाथ की हड्डी टूट गई। कुछ देर बाद लायक सिंह छह-सात लोगों को लेकर पहुंच गया। ट्रैक्टर को कब्जाने का प्रयास किया। तहसीलदार ने थाने की फोर्स बुलाकर ट्रैक्टर को उसके सुपुर्द कर दिया था। तहसीलदार ने लायक सिंह और उसके पुत्र कल्ला के खिलाफ बाह थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियाेजन पक्ष ने तहसीलदार गजेंद्र सिंह, होमगार्ड पूरन सिंह, जीप चालक वृ़ंदावन समेत छह गवाह प्रस्तुत किए। घटना के प्रत्यक्षदर्शी होमगार्ड और जीप चालक अपने पूर्व बयान से मुकर गए। मुकदमे के वादी तहसीलदार द्वारा घटना की वीडियाे व फोटो अपने मोबाइल से बनाने के बाद भी उसे अदालत में प्रस्तुत नहीं किया। अपर जिला जज नसीमा ने आरोपित पिता-पुत्र को बरी करने के आदेश दिए।