ADA: 11 साल पहले एडीए को जमीन दे चुके किसान, चार गुना मुआवजे के बिना जमीन छोड़ने को तैयार नहीं
ADA किसानों का कहना व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अपने खेत नहीं देना चाहते। उनकी जमीन सस्ती दरों पर लेकर सरकार मोटा मुनाफा कमाना चाहती है। जब तक उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं मिल जाता तब वह अपनी जमीन नहीं देंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। किसानों ने एलान कर दिया है कि इनररिंग रोड तृतीय चरण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर वह आगरा विकास प्राधिकरण को तब तक कब्जा नहीं करने देंगे, जब तक कि उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं मिल जाता।
लगभग 11 साल पहले एडीए ने इनररिंग रोड तृतीय चरण के लिए जमीन अधिग्रहित की थी। बाद में इस रोड का एलाइनमेंट बदल गया। 400 किसानों की लगभग 40 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा लेकर एडीए अब इसका लैंड यूज बदलना चाहता है। इसे व्यवसायिक गतिविधियों के लिए देने की योजना है। लगभग 40 करोड़ रुपये की इस जमीन का सर्वे करने के लिए 15 दिन पहले एडीए की टीम मौके पर पहुंची थी। तब किसानों ने विरोध कर इस टीम को लौटा दिया था।टीम को सर्वे नहीं करने दिया। इस जमीन पर अभी भी किसानों का कब्जा है। किसानों का कहना है कि एडीए हमसे सस्ते में जमीन लेकर व्यापारियों को महंगे दाम पर बेचना चाहता है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि शनिवार को एडीए उपाध्यक्ष के साथ बैठक होगी। चेतन स्वरूप रावत, शिवकुमार शर्मा, रविंद्र सिंह, चंद्रशेखर शर्मा, गिर्राज सिंह, वेद प्रकाश, प्रमाेद कुमार, रमाकांत शर्मा, आनंद शर्मा, वीरेंद्र सिंह चौहान आदि किसान भी अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। इनका कहना है कि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अपने खेत नहीं देना चाहते। उनकी जमीन सस्ती दरों पर लेकर सरकार मोटा मुनाफा कमाना चाहती है। जब तक उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं मिल जाता, तब वह अपनी जमीन नहीं देंगे।