Rail Roko Andolan: मथुरा में किसानों ने रोक ली पैसेंजर ट्रेन, आगरा में किसान नेता नजरबंद

रेल रोको आंदोलन के चलते सोमवार सुबह से ही आगरा मंडल में पुलिस सतर्कता बरत रही है। आगरा फीरोजाबाद मथुरा में किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया है। दूसरी तरफ बारिश भी लगातार हो रही है। वहीं मथुरा में किसान रेल रोकने में सफल हो गए।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 12:54 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 12:54 PM (IST)
Rail Roko Andolan: मथुरा में किसानों ने रोक ली पैसेंजर ट्रेन, आगरा में किसान नेता नजरबंद
मथुरा के राया स्‍टेशन पर रेल रोकते किसान।

आगरा, जागरण संवाददाता। नए कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन को लेकर आगरा मंडल में दोपहर तक कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है। सभी जिलों में पुलिस फोर्स सुबह से सतर्कता बरत रही है। स्‍टेशनों पर फोर्स तैनात करने के अलावा तमाम किसान नेताओं को नजरबंद किया गया है। हां, मथुरा में जरूर किसान नेताओं ने दो मिनट के लिए एक पैंसेजर ट्रेन को रोक लिया और एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा।

नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग को लेकर सयुंक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को रेल रोकने का एलान किया था। इसी क्रम भारतीय किसान यूनियन टिकैत और अम्बावता गुट ने सयुंक्त रूप से मथुरा के राया स्‍टेशन पर दो मिनट तक अछनेरा से कासगंज जा रही सवारी गाड़ी रोके रखा। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एसडीएम महावन को ज्ञापन भी सौंपा।

वहीं आगरा में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को होने वाले रेल रोको कार्यक्रम का असर जिले में देखने को नहीं मिला है। पुलिस ने रविवार रात से ही किसान नेताओं को घर पर नजर बंद कर दिया था, जिस कारण वह ट्रैक तक नहीं पहुंच सके है। भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने बताया गुरिल्ला पद्धति से स्टेशन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने उन्हें फतेहाबाद स्थित घर पर नजरबंद कर रखा है, लेकिन दूसरे कार्यकर्ता ट्रैक तक पहुंचने का प्रयास कर रहे है। तीनों काले कृषि कानून किसानों पर थोपने नहीं दिए जाएंगे। सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। लोकतंत्र में उन्हें प्रदर्शन का मौका भी नहीं दे रही है। काले कृषि कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है कि वे इनर रिंग रोड लैंड पार्सल भूमि अधिग्रहण घोटाले को लेकर अनशनरत हैं। काले कृषि कानूनों के विरोध में उनका पूरा समर्थन है।

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