कहीं बाजार बंद तो कहीं किसान नेता हुए नजरबंद
देहात अंचल में भारत बंद का मिला-जुला असर किसान नेताओं ने सरकार पर लगाया तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप
जागरण टीम, आगरा। कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को भारत बंद की देहात अंचल में मिला-जुला असर रहा। कहीं किसान नेताओं व राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपे तो कहीं पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया। किसान नेताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
किरावली: युवा रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजेश चाहर, जिलाध्यक्ष कुसुम चाहर और भूदेव के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता किरावली में एकत्र हुए। उन्होंने अनाज मंडी, मुख्य बाजार में दुकानों को बंद कराया। कुकथला में किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह, रामखिलाड़ी, अछनेरा में अर्जुन छौंकर, मलपुरा में अमन चाहर, ओमप्रकाश चाहर को समर्थकों समेत पुलिस ने नजरबंद कर दिया। इस दौरान किसान नेताओं की पुलिस ने तीखी बहस भी हुई। किसान नेताओं ने लोगों को कृषि कानूनों की खामियां गिनाई। कहा कि सरकार उनकी आवाज नहीं दबा सकती। विरोध करने वालों में संजय फौजदार, केशव चाहर, यतेंद्र चाहर, सुरेंद्र चाहर, शैकेंद्र चौधरी, गंगाराम शामिल रहे।
पिनाहट: मनसुखपुरा के करकौली स्थित भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय पर पुलिस ने सदस्यों को सुबह 10 बजे नजरबंद कर दिया। शाम पांच बजे यह कार्यवाही जारी रही। विरोध जताने वालों में यूनियन के तहसील अध्यक्ष विनोद परिहार, जिला सचिव रामकेश कंसाना, रामवकील परिहार, तेजवीर परिहार शामिल रहे। उधर, एसडीएम बाह अब्दुल बासित और सीओ पिनाहट संजय कुमार रेड्डी के निर्देशन में पुलिस फोर्स ने कस्बे में चांदनी चौक से लेकर नदगवां तिराहे तक फ्लैग मार्च किया।
एत्मादपुर: सिस्टम सुधार संगठन के जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में सदस्यों ने भारत बंद के तहत पैदल मार्च किया। तहसीलदार हेमचंद शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कृषि कानूनों के विरोध की बात कही है। ज्ञापन सौंपने वालों में अंशुमन ठाकुर, नरेंद्र पल सिंह, सत्यपाल सिंह, कपिल ठाकुर, सुभाष उपाध्याय, राघवेंद्र सिंह, विष्णु यादव, रामू पंडित, मुलायम सिंह, राजेश, मनीष, कपिल, पुनीत, वेदप्रकाश मौजूद रहे।