आगरा में डीएपी के लिए भटक रहे हैं किसान, कमिश्नर से मांग, निकलवाएं समाधान
आलू और सरसों की बोवाई के लिए खड़ा हुआ संकट सहकारी समितियों से किसानों को किया जा रहा बैरंग। दर्जनों किसान सोमवार को कमिश्नरी पहुंच गए और जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने कमिश्नर अमित गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। कमिश्नर ने डीएपी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। सहकारी समितियों पर डीएपी की उपलब्धता नहीं है, जिससे किसानों के सामने सरसों, आलू की बोवाई के लिए संकट खड़ा हो रहा है। दर्जनों किसान सोमवार को कमिश्नरी पहुंच गए और जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने कमिश्नर अमित गुप्ता को ज्ञापन सौंपा और डीएपी के संकट का समाधान निकलवाने की बात कही। कमिश्नर ने सभी को आश्वस्त किया है।
किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने कहा कि फतेहपुर सीकरी की दूरा समिति पर किसानों को रविवार को बैरंग किया गया। इसके बाद किसानों ने आक्रोश जताया था। ऐसा ही आधी से ज्यादा समितियों का हाल है। जहां डीएपी मिल रही है वहां भी किसानों को एक और दो पैकेट देकर लौटा दिया जा रहा है।
कालाबाजारी पर लगाएं लगाम, रकबे के अनुसार दें डीएपी
जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री अरिदमन सिंह ने डीएपी की कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए किसानों पर उपलब्ध जमीन के आधार पर उपलब्धता कराने की बात कही है। उन्होंने एआर काेआपरेटिव राजीव लोचन को लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दिए जाने और वास्तविक जरूरतमंद को समय से डीएपी दिलाने की बात कही है। साथ ही जिलाधिकारी प्रभुएन सिंह से भी वार्ता कर कहा है कि कालाबाजारी की लगातार सूचना मिल रही है। 300 रुपये प्रति पैकेट वसूली की जा रही है, जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने बताया कि आगरा के लिए तीन रैक स्वीकृत हुई हैं। एक रैक आ चुकी है, दो रैक जल्द आने वाली हैं।