इनर रिंग रोड : दोषी अफसरों को बचाने पर किसान उग्र
डीएम ने मंडलायुक्त को भेजी रिपोर्ट लैंड पार्सल की जमीन में हुआ खेल किसानों ने मांगों संबंध ज्ञापन एडीएम सिटी प्रभाकांत अवस्थी सौंपा
आगरा, जागरण संवाददाता। इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के जमीन घोटाले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई नहीं होने पर किसान उग्र हैं। उनका आरोप है कि इस मामले में हुई जाच में विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी (एसएलओ) जेपी सिंह सहित कई अन्य फंस गए हैं। डीएम प्रभु एन सिंह ने मंडलायुक्त को रिपोर्ट भेजी है। इसके बावजूद दोषी अफसरों पर कार्रवाई नही हो रही है। उन्होंने इस मामले में मांगों संबंधी ज्ञापन मंगलवार को कलक्ट्रेट में एडीएम सिटी प्रभाकांत अवस्थी को सौंपा।
किसान नेता श्याम सिंह चाहर, मुकेश पाठक ने बताया कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपना रही है लेकिन घोटाले में शामिल अफसरों पर आजतक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बन रहा है। तीन में से पहले चरण का कार्य पूरा हो गया है। यह हाईवे से फतेहाबाद रोड तक साढ़े दस किलोमीटर लंबा है। इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 2008 से 2009 में हुआ था। किसानों को बिना 80 फीसद मुआवजा दिए जमीन पर कब्जा कर लिया गया। उनकी जमीन डरा धमका कर ली गई।
जमीन घोटाले की तीन जाच हुईं हैं, जिसमें एसएलओ जेपी सिंह को दोषी पाया गया है। तत्कालीन लेखपाल सहित अन्य अफसरों ने रहनकला, गुतिला सहित अन्य गावों के जमीन अधिग्रहण में खेल किया है। रायपुर के गाटा संख्या 933 का अधिग्रहण नहीं किया गया, जबकि रहनकला के गाटा संख्या 621 की जमीन का अधिग्रहण हुआ। कई गाटा संख्या में जमीन रोड से दूर थी लेकिन इसके बाद भी इसे रोड के नजदीक दिखाकर मुआवजा अधिक दिया गया। रहनकला में रोड के किनारे की दर 1802 और रायपुर में 1268 रुपये प्रति वर्ग मीटर से भुगतान किया गया। इस तरह से 40.19 लाख रुपये का अधिक भुगतान किया गया। डीएम ने बताया कि मामले से संबंधित रिपोर्ट उन्होंने मंडलायुक्त को भेज दी है।