तीमारदारों की डबडबाती आंखों से जानिए, ये आंकड़े झूठे हैं

आगरा जागरण संवाददाता। उपाध्याय कोविड हास्पिटल के बाहर सन्न खडे़ तीमारदारों की डबडबा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:00 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:00 PM (IST)
तीमारदारों की डबडबाती आंखों से जानिए, ये आंकड़े झूठे हैं
तीमारदारों की डबडबाती आंखों से जानिए, ये आंकड़े झूठे हैं

आगरा, जागरण संवाददाता। उपाध्याय कोविड हास्पिटल के बाहर सन्न खडे़ तीमारदारों की डबडबाती आंखों में अपनों के खोने की दहशत थी। तीमारदार लंबी लंबी सांस ले रहे थे, फोन पर कह रहे थे कि भइया एक बेड मिल जाए। डाक्टर ने कह दिया है कि शाम तक के लिए ही आक्सीजन है। अपने मरीज को बचाना चाहते हो तो दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर लो। एसएन इमरजेंसी के बाहर खड़े तीमारदार गिड़गिड़ा रहे हैं, मरीज को भर्ती कर लो। हालत गंभीर है, जान बचा लो। मगर, इमरजेंसी में बेड नहीं है। अस्पतालों में भर्ती मरीज के तीमारदार रेमडेसिवीर इंजेक्शन फेबीफ्लू टेबलेट के लिए मेडिकल स्टोरों के चक्कर लगा रहे हैं। यह तीमारदारों का दर्द है, अब आंकडे़ देखिए। कोविड हास्पिटल में बेड

सरकारी अस्पताल में बेड (एसएन मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल)- 370 बेड - आइसीयू बेड 75 निजी कोविड हास्पिटल में बेड -861 आइसीयू बेड - 323 (आइसीयू बेड में 20 फीसद वेंटीलेटर)

आक्सीजन संकट मरीजों को शिफ्ट कर लो, शाम तक खत्म हो जाएगी आक्सीजन

उपाध्याय कोविड हास्पिटल में आक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती मरीजों से सोमवार सुबह कहा गया कि अपने मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर लो। शाम तक आक्सीजन खत्म हो जाएगी। तीमारदारों के होश उड़ गए, अपने मरीज की जान बचाने के लिए फोन करने लगे। कोविड हास्पिटलों में बेड उपलब्ध कराने के लिए भटकते रहे। कोविड हास्पिटल में नहीं मिल रहा बेड

65 साल के पुनिया पाड़ा निवासी राम अवतार की तबीयत बिगड़ने पर स्वजन ने शांति मधुवन प्लाजा में भर्ती कराया। यहां जांच में कोरोना की पुष्टि होने पर अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया। एंबुलेंस में मरीज को लेकर परिजन निजी कोविड अस्पताल में भटकते रहे, एक बेड नहीं मिला। एसएन इमरजेंसी पहुंचे, यहां भर्ती नहीं किया। मौत हो गई। इंजेक्शन, टेबलेट के लिए भटक रहे तीमारदार

कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के तीमारदारों से डाक्टर 40 हजार रुपये की कीमत का इंजेक्शन टोसिलिजुमैब लाने के लिए कह रहे हैं, ये बाजार में उपलब्ध नहीं है। आक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन मंगाया जा रहा है। यह नहीं मिल रहा है। कोरोना संक्रमित सामान्य लक्षण वाले मरीजों में डाक्टर फेबीफ्लू दे रहे हैं, मरीज को 66 टेबलेट दी जाती हैं, 1250 रुपये एमआरपी की 10 टेबलेट हैं। फव्वारा थोक दवा बाजार से लेकर मेडिकल स्टोर के लोग चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन दवा नहीं मिल रही है। कुछ लोगों को दवा मिल रही है तो ब्लैक में चार से पांच गुना तक रेट वसूले जा रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं, दवा की समस्या है। कंट्रोल रूम पर फोन कर सकते हैं, उन्हें किस अस्पताल में जाना है, यह भी बताया जाएगा।

डा. आरसी पांडे, सीएमओ रेमडेसिवीर अस्पतालों को ही दिया जा रहा है, फेबीफ्लू का स्टाक आते ही खत्म हो रहा है। मांग बहुत अधिक है।

पुनीत कालरा, मीडिया प्रभारी आगरा फार्मा

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