फर्जी बीएड डिग्री मामले की जांच ठंडी

हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय को दिया था एक माह में दस्तावेजों के सत्यापन का आदेश समय बीतने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 10:00 PM (IST)
फर्जी बीएड डिग्री मामले की जांच ठंडी
फर्जी बीएड डिग्री मामले की जांच ठंडी

आगरा,जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े फर्जी बीएड डिग्री मामले में जांच ठंडी पड़ी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 27 फरवरी को संबंधित सात अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के आदेश विश्वविद्यालय को दिए थे। इसके लिए एक माह का वक्त दिया गया था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि दस्तावेज यदि सही हों तो इनकी बर्खास्तगी रद की जाए। हाईकोर्ट के आदेश को एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय स्तर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। यह था मामला

वर्ष 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त 2823 सहायक अध्यापकों के की नियुक्ति रद करने व बर्खास्तगी के आदेश को सही मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि इन लोगों ने जांच में अपना पक्ष ही नहीं रखा। बीएसए ने इन्हें इसी आधार पर बर्खास्त कर दिया है। वहीं, अंक पत्र से छेड़छाड़ और फर्जी डिग्री पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने वाले 812 सहायक अध्यापकों की बर्खास्तगी को जांच पूरी होने तक स्थगित रखने के भी आदेश दिए थे। इसी आदेश में कोर्ट ने सात अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए एक माह का समय विश्वविद्यालय को दिया था। बना दी थी समिति

हाईकोर्ट के आदेश के बाद विश्वविद्यालय में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इसी कमेटी ने पिछले साल जांच में 812 फर्जी डिग्री अभ्यर्थियों की सूची कोर्ट को सौंपी थी। दीक्षा समारोह की तैयारी, डिग्री वितरण और लंबित परीक्षाओं के कारण समिति अभी तक फर्जी बीएड डिग्री मामले में संबंधित सात अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कर सकी है। वर्जन

कुलपति के स्वस्थ होने के बाद समिति द्वारा कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

- प्रो. प्रदीप श्रीधर, जनसंपर्क अधिकारी

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